
पटना, 18 नवम्बर। बिहार की राजनीति में सोमवार को बड़ा मोड़ आया, जब कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस कदम के साथ ही राज्य में सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है—अब बिहार का नया उप मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA को 200 से अधिक सीटें मिलीं, जिससे मुख्यमंत्री पद पर किसी बदलाव की कोई संभावना नहीं रही। अब पूरा ध्यान उप मुख्यमंत्री पद पर केंद्रित है, जिसके लिए एनडीए जातीय संतुलन और महिला नेतृत्व का संयुक्त कार्ड खेलने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और जदयू मिलकर ऐसे चेहरे की तलाश में हैं, जो महिला + सवर्ण या महिला + पिछड़ा/अति पिछड़ा का संयुक्त समीकरण बैठा सके।
महिला चेहरे में कौन सबसे आगे?
1. श्रेयसी सिंह (सवर्ण + महिला कार्ड)
भाजपा के भीतर सबसे मजबूत चर्चा जमुई की विधायक और अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह के नाम की है।
- सवर्ण वोटबैंक
- महिला नेतृत्व
दोनों को एक ही कदम में साधने की रणनीति के तहत श्रेयसी का नाम तेज़ी से उभर रहा है।
2. रमा निषाद (पिछड़ा/अतिपिछड़ा + महिला कार्ड)
दूसरी तरफ, राजनीतिक समीकरण यदि पिछड़ा + महिला कार्ड की ओर मुड़ता है, तो रमा निषाद सबसे अहम नाम हैं।
भाजपा इस बार महिला वोटरों को विशेष संदेश देना चाहती है, और रमा निषाद इस कैटेगरी की सबसे उपयुक्त उम्मीदवार मानी जा रही हैं।
पुरुष—पिछड़ा वर्ग से दावेदार
1. रामकृपाल यादव
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे रामकृपाल यादव मजबूत दावेदारों में शामिल हैं। ओबीसी वोटर बेस में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
2. सम्राट चौधरी
वर्तमान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी रेस में बने हुए हैं।
- चुनाव 2025 में NDA अभियान का नेतृत्व
- पहले भी डिप्टी सीएम
इन कारणों से उनका दावा स्वाभाविक रूप से मजबूत है।
सवर्ण चेहरों में बढ़त किनकी?
1. मंगल पांडेय
भाजपा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का नाम काफी तेजी से उभर रहा है।
उनके अच्छे राजनीतिक संबंध और संगठन में मजबूत पकड़ उन्हें सवर्ण श्रेणी का प्रमुख उम्मीदवार बनाते हैं।
2. रजनीश कुमार
भाजपा के सचेतक रह चुके विधायक रजनीश कुमार भी दिल्ली लॉबी की पसंद माने जा रहे हैं।
राष्ट्रीय संगठन में भी उनकी सक्रियता रही है, जिससे उन्हें मजबूत समर्थन मिल सकता है।
3. विजय सिन्हा (दौड़ से बाहर?)
पूर्व डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का भी नाम चर्चा में आता रहा है, लेकिन सूत्रों के अनुसार उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने पर विचार हो रहा है।
19 नवंबर को खुल सकता है पत्ता
एनडीए रणनीति साफ दिख रही है—
महिला + जाति समीकरण = राजनीतिक संदेश।
नीतीश कुमार और भाजपा दोनों ही महिला मतदाताओं को अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं, इसलिए इस बार डिप्टी सीएम पद पर महिला कार्ड चलने की संभावना बेहद प्रबल मानी जा रही है।
सभी विकल्पों पर मंथन जारी है और नए उप मुख्यमंत्री का नाम 19 नवंबर तक तय होने की उम्मीद है।