
रामबाबू गुप्ता, शामली। गुजरात एटीएस ने हाल ही में यूपी और गुजरात में चल रहे एक बड़े हथियार सप्लाई नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। जांच में पता चला कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हैंडलरों ने हथियारों की डिलीवरी के लिए “हाइवे किनारे” नामक कोडवर्ड बनाया था। इसी कोड का इस्तेमाल राजस्थान के हनुमानगढ़ से लेकर अहमदाबाद तक हथियार पहुंचाने के लिए किया जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, आईएसआई के हैंडलर अबू खदीजा और अबू आल्हा ने इस पूरी लॉजिस्टिक चेन को कोड भाषा और टेलीग्राम ग्रुप के जरिए संचालित किया। टेलीग्राम पर बनाए गए ‘टीएल’ नामक ग्रुप में हथियारों की तस्वीरें, सप्लाई लोकेशन और भारत में हमलों से जुड़ी योजनाओं की चर्चा होती थी। इस ग्रुप में करीब 200 सदस्य सक्रिय थे, जिनमें से अधिकांश अब एटीएस की रडार पर हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के नशे की तस्करी में इस्तेमाल होने वाले सुरक्षित मार्गों का इस्तेमाल हथियारों की सप्लाई के लिए किया जाना था। मुख्य आरोपियों—आजाद शेख (झिंझाना, यूपी), सुहैल (लखीमपुर खीरी) और अहमद मोइय्यूद्दीन (अहमदाबाद)—के मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए अहमदाबाद भेजे गए हैं, जिससे और भी महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है।
एटीएस अहमदाबाद के डीएसपी हर्ष कुमार ने बताया कि जांच तेजी से जारी है और अन्य मुख्य आरोपी जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे। 9 नवंबर को गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के पास से एक कार, एक पिस्टल, तीन कारतूस और चार लीटर कैस्टल ऑयल (जो विस्फोटक बनाने का कच्चा रसायन है) बरामद किया गया था।
इस भंडाफोड़ ने सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद और हथियार सप्लाई नेटवर्क के खिलाफ सतर्क कर दिया है, और राजस्थान से गुजरात तक फैले इस इंटर-स्टेट नेटवर्क की गंभीरता को उजागर किया है।