
फरीदाबाद: संदिग्ध आतंकी मुजम्मिल शकील को किराए पर कमरा देने वाले 85 वर्षीय बुजुर्ग कारोबारी हाजी मद्रासी ने इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी साझा की है। हाजी मद्रासी ने नवभारत टाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि 13 सितंबर को मुजम्मिल उनके पास आया था और एक कमरा किराए पर लेने की बात कही।
मुकाबला किराया 1200 रुपये तय किया गया था, और मुजम्मिल ने दो महीने का एडवांस किराया भी अदा किया था। इसके बाद वह शाम को सामान रखने के लिए आया और फिर दो महीने तक उसका कोई अता-पता नहीं चला। जब हाजी मद्रासी ने उसके सामान के बारे में पूछा, तो मुजम्मिल ने जवाब दिया कि वह घरेलू सामान रख रहा है और कुछ दिनों में लौटकर रहेगा। उस समय हाजी मद्रासी को बिल्कुल भी शक नहीं था कि वह शख्स एक आतंकवादी होगा और उसके कारण वह पूरे इलाके में बदनाम हो जाएगा।
हाजी मद्रासी का कारोबार और इतिहास
हाजी मद्रासी मूलरूप से धौज गांव के निवासी हैं और फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित एक लॉज के मालिक हैं। उनका यह लॉज सड़क के किनारे है और इसमें 28 कमरे हैं, जिनमें से कुछ कमरे किराए पर दिए गए हैं। हाजी मद्रासी सीमेंट और सरिया का कारोबार करते हैं और लॉज के निचले फ्लोर पर अपना व्यापार करते हैं, जबकि उपर और साइड के कमरे किराए पर रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि वह पिछले 8 से 10 साल से यह कारोबार चला रहे हैं और ब्लॉक समिति के मेंबर भी रह चुके हैं।
यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए था लॉज
हाजी मद्रासी के मुताबिक, जब अल फलाह यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हुई थी, तो बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार और जम्मू-कश्मीर के छात्र यहां पढ़ाई करने आते थे। उस वक्त यूनिवर्सिटी में हॉस्टल की सुविधा नहीं थी, और ऐसे में इन छात्रों के लिए उन्होंने यह लॉज बनवाया था। लेकिन अब जब यूनिवर्सिटी में हॉस्टल बन गए हैं, तो छात्रों ने बाहर किराए पर रहना बंद कर दिया। वर्तमान में लॉज में सिर्फ 7 कमरे किराए पर दिए गए हैं, जबकि बाकी 21 कमरे खाली पड़े हैं।
किराए पर कमरा देने में डर लगने लगा है
हाजी मद्रासी ने यह भी बताया कि अब वह किसी को भी कमरे किराए पर देने से डर रहे हैं, क्योंकि यह घटना उनके लिए एक चेतावनी बन गई है। उन्होंने कहा कि पहले उनके लॉज में सिर्फ छात्र रहते थे, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है और वह बहुत सतर्क हो गए हैं।
नशे और आतंकवाद का बढ़ता प्रभाव
इस घटना के बाद, आसपास के लोग भी भयभीत हैं, क्योंकि मुजम्मिल शकील जैसे संदिग्ध व्यक्ति के उनके पास ठहरने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। हाजी मद्रासी ने कहा कि अब लोग लॉज के कमरे किराए पर देने से कतराने लगे हैं और पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं। उनका मानना है कि यह सब अल फलाह यूनिवर्सिटी के बाद आए छात्रों और संदिग्ध गतिविधियों के कारण हुआ है।
यह घटना न केवल हाजी मद्रासी के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आई है, क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति से जुड़ी है, जो एक आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था और उसने पूरी तरह से एक मासूम कारोबारी को बदनाम कर दिया।