
राजधानी भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित ईरानी डेरा एक बार फिर सुर्खियों में है। अपराधियों के गढ़ के रूप में कुख्यात इस इलाके में रविवार तड़के पुलिस की बड़ी कार्रवाई के दौरान हालात बेकाबू हो गए। छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला हुआ, हालांकि पुलिस ने हालात पर काबू पाते हुए 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 10 महिलाएं शामिल हैं। कार्रवाई के दौरान डेरे से अमेरिकी और ईरानी करेंसी भी बरामद की गई है।
भारी पुलिस बल के साथ हुई कार्रवाई
कुख्यात अपराधियों को पकड़ने के लिए भोपाल पुलिस ने तड़के करीब 40 वाहनों और 150 से अधिक जवानों के साथ ईरानी डेरे में दबिश दी। जब पुलिस टीम इलाके में दाखिल हुई, तब तापमान करीब 4 डिग्री सेल्सियस था। पुलिस की मौजूदगी की भनक लगते ही डेरे की महिलाओं ने शोर मचाकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बावजूद पुलिस ने संयम और सख्ती के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया।
देशभर में फैला है खौफ
पुलिस जांच में सामने आया है कि ईरानी डेरे में रहने वाले कई लोग दिल्ली, मुंबई समेत देश के अन्य बड़े शहरों में लूट और ठगी की वारदातों में शामिल रहे हैं। ये अपराधी अलग-अलग शहरों में पहचान बदलकर वारदात को अंजाम देते हैं और फिर भोपाल लौट आते हैं। कई नामी बदमाशों की तलाश देश की विभिन्न पुलिस एजेंसियां कर रही हैं।
फर्जी अफसर और पत्रकार बनकर करते थे ठगी
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ईरानी डेरे के लोग सीबीआई अफसर, पुलिस अधिकारी और पत्रकार बनकर लोगों को डराते और ठगते थे। छापेमारी के दौरान इनके पास से मीडिया चैनलों की फर्जी आईडी भी बरामद हुई है, जिनका इस्तेमाल पुलिस और आम लोगों को चकमा देने के लिए किया जाता था।
विदेशी करेंसी और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
पुलिस को डेरे में कई घरों से अमेरिकी डॉलर और ईरानी मुद्रा मिली है। आशंका जताई जा रही है कि यह विदेशी करेंसी लूट की रकम से जुड़ी हो सकती है। जांच में यह भी सामने आया है कि लूटे गए मोबाइल फोन पहले मुंबई भेजे जाते थे और फिर दुबई में बेचे जाते थे, जिससे इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की पुष्टि होती है।
अपराधियों की सुरक्षित पनाहगाह
ईरानी डेरा भोपाल के निशातपुरा और करोंद क्षेत्र के आसपास घनी बस्ती में बसा हुआ है, जहां बाहरी लोगों का प्रवेश कठिन होता है। इसी का फायदा उठाकर अपराधी यहां शरण लेते हैं। बताया जाता है कि पुलिस कार्रवाई के दौरान महिलाएं आगे रहती हैं और अपराधियों को पीछे से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ईरानी डेरे के निवासियों के बारे में बताया जाता है कि उनके पूर्वज मध्य एशिया और फारस से भारत आए थे। प्रारंभ में ये लोग घोड़ों के व्यापार, पत्थर घिसने और धारदार औजार बनाने का काम करते थे, लेकिन समय के साथ इनके एक वर्ग की संलिप्तता अपराध की दुनिया में बढ़ती चली गई।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों की तलाश में जांच तेज कर दी गई है।