
📍 16 अप्रैल | एस.डी. न्यूज़ एजेंसी, इन्दौर
भगवान श्री परशुराम की जयंती इस वर्ष 30 अप्रैल 2025 को इन्दौर में अभूतपूर्व उत्साह और भव्यता के साथ मनाई जाएगी। यह आयोजन सनातन धर्म को शक्ति और एकता का प्रतीक मानते हुए, भगवान श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की महिमा का उत्सव होगा। इस शोभायात्रा का आयोजन सर्व ब्राह्मण युवा संगठन द्वारा किया जाएगा, जो इन्दौर की अब तक की सबसे विशाल शोभायात्रा के रूप में इतिहास रचेगा।
इन्दौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों ने इस शोभायात्रा के आयोजन और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भगवान श्री परशुराम जयंती के अवसर पर 30 अप्रैल 2025, अक्षय तृतीया के दिन, शाम 6 बजे बापट बौराहे स्थित भगवान परशुराम मंदिर से शोभायात्रा का शुभारंभ होगा। यह यात्रा सनातन हिन्दू समाज की एकता और अखंडता का संदेश देने के लिए हजारों समाजजनों द्वारा भाग लिया जाएगा।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा, “जैसे भगवान श्री राम केवल क्षत्रिय समाज के नहीं, और भगवान श्री कृष्ण केवल यादव समाज के नहीं, बल्कि समस्त हिन्दू समाज के प्रेरणा स्त्रोत हैं, उसी प्रकार भगवान श्री परशुराम भी संपूर्ण सनातनियों के आराध्य हैं। हम सभी सनातन हिन्दू समाज से इस शोभायात्रा में सम्मिलित होने का आह्वान करते हैं।”
शोभायात्रा का मार्ग बापट बौराहे से शुरू होकर आईटीआई रोड, हीरानगर थाने से मुड़कर पुनः मंदिर पर समाप्त होगा। यात्रा में नासिक बोल, उज्जैन की महाकाल उमर मंडली, आदिवासी नृत्य, भगवान परशुराम से प्रेरित झांकियां, चलित भजन संध्या, बैंड और बग्गियां शामिल होंगी। मातृशक्ति और संत समाज के नेतृत्व में यह यात्रा आगे बढ़ेगी।
संगठन ने यह भी बताया कि शोभायात्रा में शामिल होने वाले कार्यकर्ता पारंपरिक धोती-कुर्ता पहनेंगे, जबकि महिलाएं चुनरी ड्रेस कोड में भाग लेंगी। शोभायात्रा से पहले ब्राह्मण समाज और अन्य समुदायों की विशिष्ट विभूतियों का सम्मान किया जाएगा।
यात्रा के समापन पर भोजन प्रसादी वितरित की जाएगी। संगठन ने बल देते हुए कहा कि यह शोभायात्रा शास्त्र और शस्त्र के समन्वय से सनातन धर्म की एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करेगी। अंतिम युद्ध – विजय वर्मा
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