
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दिसंबर का महीना औद्योगिक दृष्टि से नई शुरुआत लेकर आया है। देश के दो बड़े औद्योगिक समूह टाटा संस और सिफी टेक्नोलॉजीज़ के शीर्ष नेतृत्व ने राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर राज्य में निवेश बढ़ाने के संकेत दिए।
15 दिसंबर को टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और 23 दिसंबर को सिफी टेक्नोलॉजीज़ के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर राजू वेगेसना ने मुख्यमंत्री से अलग-अलग बैठकें की। इन बैठकों में दोनों समूहों ने राज्य में अब तक किए गए निवेश, चल रही परियोजनाओं और भविष्य की विस्तार योजनाओं की जानकारी दी।
टाटा समूह का यूपी में बढ़ता निवेश
टाटा समूह ने लखनऊ में एआई सिटी विकसित करने का प्रस्ताव रखा, जिससे उत्तर प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके। लखनऊ और नोएडा स्थित टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की इकाइयों में कार्यबल को 16,000 से बढ़ाकर 30,000 करने पर भी चर्चा हुई।
इसके अलावा, टाटा समूह राज्य में 30 नए होटल (ताज, विवांता और सिलेक्शंस ब्रांड) विकसित कर रहा है, जिससे पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। रक्षा विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और अयोध्या में ‘म्यूजियम ऑफ टेंपल’ परियोजनाओं की प्रगति पर भी विचार हुआ।
ऊर्जा क्षेत्र में टाटा पावर प्रयागराज के बारा थर्मल प्लांट में 1,900 मेगावाट की इकाई संचालित कर रहा है। बुंदेलखंड और प्रयागराज में 50-50 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट पर कार्य जारी है। गोरखपुर में आईआईटी कानपुर के सहयोग से 48 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित किया जा रहा है, जहां युवाओं को AI, ड्रोन और 3D प्रिंटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण मिलेगा।
सिफी टेक्नोलॉजीज़ का यूपी में विस्तार
सिफी टेक्नोलॉजीज़ ने पिछले पांच वर्षों में लखनऊ और नोएडा में अत्याधुनिक डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए 12,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किया। अगले तीन वर्षों में इसे दोगुना करने की योजना है।
लखनऊ में सिफी का AI एज डेटा सेंटर जल्द चालू होगा। नोएडा में कंपनी उत्तर भारत के सबसे बड़े AI डेटा सेंटर कैंपस ‘नोएडा-02’ का संचालन कर रही है। इसके अलावा, सिफी का पहला ग्रीन हाइपरस्केल डेटा सेंटर ‘नोएडा-01’ 100 से अधिक एंटरप्राइज, सरकारी और हाइपरस्केल ग्राहकों को सेवाएं दे रहा है।
भविष्य में लखनऊ और नोएडा के AI क्लस्टर्स को सिफी के राष्ट्रीय फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में व्यापार और निवेश का माहौल बदला है। डॉ. ब्रजेश कुमार तिवारी, प्रोफेसर, अटल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जेएनयू के अनुसार, विकास की असली शुरुआत विश्वास से होती है।
उनका कहना है कि विश्वसनीय पुलिसिंग और स्थिर नीतिगत माहौल निवेशकों को आकर्षित करता है। प्रस्तावित टाटा AI सेंटर उत्तर प्रदेश को तकनीकी और औद्योगिक पहचान देगा, जिससे उच्च-कौशल नौकरियां, स्टार्टअप्स और रिसर्च इकोसिस्टम मजबूत होंगे।
पिछला अनुभव
1992 में टाटा मोटर्स ने लखनऊ में प्लांट लगाया था, उस समय भाजपा सरकार थी। 2006 और 2012 में सपा सरकार के दौरान प्लांट विस्तार पर वादे पूरे नहीं हुए, जिससे टाटा मोटर्स ने अपने उत्पादन का बड़ा हिस्सा उत्तराखंड स्थानांतरित कर दिया। यह नीति अस्थिरता का उदाहरण माना जाता है।