
बिजनौर: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक मनोज पारस चर्चा के केंद्र में आ गए। बिजनौर की नगीना सीट से विधायक मनोज पारस ने अपने तर्क में मोहम्मद अली जिन्ना को ‘जिन्ना साहब’ कहकर संबोधित किया, जिससे सदन में हंगामा मच गया और मामला राजनीतिक विवाद का रूप ले गया।
सपा विधायक ने कहा कि देश के बंटवारे के समय जिन मुसलमानों ने जिन्ना के आह्वान पर पाकिस्तान नहीं जाने का निर्णय लिया, वे देश की आजादी में भागीदार थे और संविधान में विश्वास रखते हुए इस देश में रहे। उन्होंने प्रश्न उठाया कि क्या इन लोगों ने देश की स्वतंत्रता में अपने प्राण नहीं न्योछावर किए।
विवाद का कारण:
मनोज पारस के इस बयान पर सत्ताधारी भाजपा ने कड़ा विरोध जताया। भाजपा ने विधायक पर सदन की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।
मनोज पारस कौन हैं:
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और नगीना सीट से लगातार तीन बार विधायक।
अमर सिंह के पुत्र, उम्र 53 वर्ष।
गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से स्नातक अध्ययन।
कृषि क्षेत्र से जुड़े और 4.19 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक।
बयान का मुख्य संदेश:
मनोज पारस ने मुस्लिम समुदाय के योगदान को देशभक्ति और वतन प्रेम से जोड़ते हुए कहा, “मुस्लिमों से अधिक वतन की मिट्टी से प्यार करने वाला कोई समाज है क्या? ये लोग पांच वक्त की नमाज में अपना सिर इसी वतन की मिट्टी में सजदा करते हैं। मृत्यु के बाद भी इसी मिट्टी में दफन होते हैं।”
विधायक का यह बयान न केवल सदन में चर्चा का विषय बना, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से फैल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान आगामी चुनावी रणनीतियों और विधानसभा में बहस को और गर्मा सकता है।