Thursday, December 25

बांग्लादेश के ‘डार्क प्रिंस’ की वापसी 17 साल बाद ढाका लौटे BNP प्रमुख तारिक रहमान, क्या वही होंगे अगले प्रधानमंत्री?

 

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बांग्लादेश की राजनीति में लंबे समय बाद एक बड़ा और निर्णायक मोड़ देखने को मिला है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान करीब 17 साल के निर्वासन के बाद गुरुवार को अपनी पत्नी और बेटी के साथ ढाका लौट आए। उनकी वापसी को फरवरी 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले सबसे अहम सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है।

 

60 वर्षीय तारिक रहमान को बीएनपी का वास्तविक रणनीतिकार और पार्टी का सबसे प्रभावशाली चेहरा माना जाता है। अवामी लीग की अनुपस्थिति में बीएनपी को चुनावों की सबसे मजबूत दावेदार पार्टी माना जा रहा है, ऐसे में तारिक रहमान का नाम अगले प्रधानमंत्री के रूप में तेजी से उभर रहा है।

 

क्यों कहा गया ‘डार्क प्रिंस’?

 

तारिक रहमान, बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जियाउर्रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र हैं। 2001 से 2006 के बीच बीएनपी सरकार के दौरान उन पर सत्ता के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और राजनीतिक हस्तक्षेप के कई गंभीर आरोप लगे। इन्हीं आरोपों के चलते उन्हें बांग्लादेश की राजनीति का ‘डार्क प्रिंस’ कहा जाने लगा।

 

2007 में सेना समर्थित अंतरिम सरकार के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में उनकी गिरफ्तारी हुई। 2008 में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें लंदन जाने की अनुमति मिली, जिसके बाद वे वहीं रह गए क्योंकि ढाका लौटने पर उन्हें मुकदमों और सजा का सामना करना पड़ता।

 

ग्रेनेड हमला और उम्रकैद

 

अक्टूबर 2018 में तारिक रहमान को 2004 में शेख हसीना की रैली में हुए ग्रेनेड हमले के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में शेख हसीना बाल-बाल बची थीं। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध संपत्ति अर्जन और देशद्रोह जैसे कई मामलों में भी उन्हें दोषी ठहराया गया था। हालांकि, बीएनपी ने इन सभी आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए खारिज किया।

 

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट और भ्रष्टाचार के आरोप

 

मई 2023 में बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून ने 2001–06 के बीएनपी शासनकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार पर तीन भागों की विशेष रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें तारिक रहमान पर रिश्वतखोरी, मीडिया को डराने और करोड़ों डॉलर की अवैध संपत्ति जमा करने के आरोप लगाए गए थे। इसी रिपोर्ट में उन्हें ‘डार्क प्रिंस’ की संज्ञा दी गई थी।

 

राजनीतिक हालात बदले, केस हुए खत्म

 

अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार गिरने और उनके देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश की राजनीति का समीकरण पूरी तरह बदल गया। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने सत्ता संभालते ही खालिदा जिया और तारिक रहमान को बड़ी कानूनी राहत दी।

 

यूनुस सरकार के गठन के बाद तारिक रहमान को 84 लंबित मामलों में बरी कर दिया गया, जिनमें ढाका ग्रेनेड हमला, मनी लॉन्ड्रिंग और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े केस शामिल थे। इसके बाद दिसंबर में उन्होंने लंदन से ढाका लौटने का ऐलान किया।

 

चुनाव से पहले वापसी, सियासी संदेश साफ

 

तारिक रहमान की वापसी ऐसे समय हुई है, जब देश में चुनाव की तैयारी तेज है। बीएनपी 12 फरवरी को प्रस्तावित चुनावों में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है। पार्टी को उम्मीद है कि तारिक की मौजूदगी से कार्यकर्ताओं में नया जोश आएगा।

 

खालिदा जिया के गंभीर रूप से बीमार होने के कारण बीएनपी को एक मजबूत चेहरे की जरूरत थी, जिसे तारिक रहमान की वापसी पूरी करती दिख रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि बीएनपी सत्ता में आती है, तो तारिक रहमान का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। ऐसा होने पर वे अपने पिता और मां के बाद परिवार से तीसरे राष्ट्राध्यक्ष होंगे।

 

 

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