
अहमदाबाद: गुजरात के पालीताना स्थित शत्रुंजय पहाड़ियों पर श्रद्धालुओं की चढ़ाई के दौरान अचानक एक शेर दिखाई देने से अफरा-तफरी मच गई। पालीताना जैन मंदिर 3,800 सीढ़ियों की लंबी चढ़ाई के बाद मिलता है और इसे जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है।
सोमवार को चढ़ाई कर रहे भक्त अचानक शेर को सीढ़ियों पर चलते हुए देखकर डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। अफरा-तफरी के बावजूद कुछ श्रद्धालु जय आदिनाथ का जाप करते हुए प्रार्थना जारी रखते दिखे। यह घटना उस समय हुई जब सैकड़ों श्रद्धालु आदिनाथ दादा और शत्रुंजय मंदिरों की ओर जा रहे थे।
वन विभाग ने दी चेतावनी
वन अधिकारी एस.डी. बरैया ने घटना की पुष्टि की और बताया कि शत्रुंजय पहाड़ी वन क्षेत्र में स्थित है और यहां वन्यजीवों का आवागमन स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि शेर अक्सर इस मार्ग का इस्तेमाल वन क्षेत्रों के बीच आने-जाने के लिए करते हैं। सौभाग्य से किसी श्रद्धालु को चोट नहीं आई।
वन कर्मचारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर तीर्थयात्रियों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी और क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी। श्रद्धालुओं को सलाह दी गई कि जंगली जानवरों का सामना होने पर शांत रहें, अचानक हरकतें न करें और वीडियो बनाने का प्रयास न करें।
पालीताना क्षेत्र में शेरों की संख्या
अधिकारियों के अनुसार, पालीताना क्षेत्र में लगभग 20 से 25 शेर रहते हैं। हाल के वर्षों में एशियाई शेर अनुकूल भूभाग, पानी और शिकार की उपलब्धता के कारण गिर के घने जंगलों से बाहर निकलकर पालीताना और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में फैल गए हैं। आदपुर, अनिदा, घेती, रोहिशाला और शत्रुंजय की तलहटी जैसे क्षेत्रों में अक्सर शेर देखे जाते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय।
पालीताना का शत्रुंजय पर्वतमाला जैन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है। इस घटना ने एक बार फिर यह दर्शाया कि वन्यजीव और मानवीय गतिविधियों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है।