
नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा विभाग की नवीनतम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन भारत को दक्षिण एशिया में घेरने के प्रयास लगातार कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन की नजर अरुणाचल प्रदेश पर टिकी हुई है और वह पाकिस्तान को हथियार एवं सैन्य उपकरण देकर भारत पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रहा है।
चीन का सैन्य विस्तार और रणनीति
पेंटागन की वार्षिक रिपोर्ट ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट्स इन्वॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2025’ में कहा गया है कि चीन अब अपने मुख्य हित क्षेत्र (core interest) में ताइवान, दक्षिण और पूर्वी चीन सागर के साथ-साथ भारत का पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश भी शामिल कर चुका है। अप्रैल–मई 2020 में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में कई बार घुसपैठ की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन अब LAC पर तनाव कम दिखाकर द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और भारत-अमेरिका बढ़ती दोस्ती को रोकने का प्रयास कर रहा है। लेकिन भारत ने अरुणाचल प्रदेश, खासकर तवांग इलाके को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया है।
पाकिस्तान में सैन्य अड्डों और हथियारों की सप्लाई
चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक हथियार दिए हैं, जैसे 36 J-10C फाइटर जेट, 4 मल्टी-रोल 054A/P फ्रिगेट और अन्य सैन्य उपकरण। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इन विमानों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के खिलाफ किया गया। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन पाकिस्तान में सैन्य अड्डा स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है, जिससे उसकी नौसैनिक और हवाई शक्ति और मजबूत हो सके।
चीन का वैश्विक सैन्य विस्तार
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने अपने परमाणु हथियारों का बड़ा पैमाने पर विस्तार शुरू कर दिया है। वर्तमान में चीन के पास लगभग 600 परमाणु हथियार हैं और 2030 तक यह संख्या 1,000 से अधिक होने की संभावना है। इसके अलावा चीन 2035 तक अपने मौजूदा विमान वाहक पोतों के अलावा 6 और विमान वाहक पोत बनाने की योजना बना रहा है।
विशेषज्ञों की राय
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के ऐसे सैन्य अड्डे और हथियार सप्लाई की नीति उसे अपनी वैश्विक सैन्य उपस्थिति बढ़ाने और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर नियंत्रण मजबूत करने में मदद करेगी। चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग पहले से मजबूत है, और इसके और गहरा होने की संभावना है।