Saturday, December 20

समंदर की गहराइयों से निकला सोने का खजाना, चीन ने रचा नया इतिहास

एक महीने में दूसरी बड़ी खोज, एशिया का सबसे बड़ा समुद्री स्वर्ण भंडार मिलने से ड्रैगन की आर्थिक ताकत और मजबूत

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बीजिंग।
चीन ने कीमती धातुओं की खोज के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एशिया का अब तक का सबसे बड़ा समुद्र के नीचे स्थित सोने का भंडार खोजने का दावा किया है। यह खोज शेडोंग प्रांत के यानताई शहर के पास लाइझोउ तट पर की गई है, जिसे चीन का पहला ऑफशोर (समुद्री) गोल्ड रिजर्व बताया जा रहा है।

साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के अनुसार, इस नई खोज के बाद लाइझोउ क्षेत्र में कुल स्वर्ण भंडार 3,900 टन से अधिक हो गया है, जो चीन के कुल प्रमाणित सोने के भंडार का लगभग 26 प्रतिशत है। यह उपलब्धि चीन को न केवल उत्पादन, बल्कि भंडार के लिहाज से भी वैश्विक स्तर पर और मजबूत स्थिति में ले जाती है।

यानताई प्रांतीय सरकार ने मौजूदा पंचवर्षीय योजना की उपलब्धियों पर आयोजित एक सम्मेलन में इस खोज की जानकारी दी। हालांकि, अधिकारियों ने अभी समुद्र के नीचे मौजूद स्वर्ण भंडार की वास्तविक मात्रा का आधिकारिक खुलासा नहीं किया है।

एक महीने में दूसरी बड़ी खोज

खास बात यह है कि बीते एक महीने में यह चीन की दूसरी बड़ी स्वर्ण खोज है। इससे पहले नवंबर में लियाओनिंग प्रांत में 1,444 टन से अधिक के ‘सुपर-लार्ज’ गोल्ड डिपॉजिट की घोषणा की गई थी, जिसे 1949 के बाद चीन का सबसे बड़ा एकल स्वर्ण भंडार माना गया। इसके अलावा, शिनजियांग के पास कुनलुन पर्वत श्रृंखला में भी 1,000 टन से अधिक सोने के संभावित भंडार मिलने की सूचना दी जा चुकी है।

तकनीक और रणनीति बनी ताकत

विशेषज्ञों का मानना है कि इन ऐतिहासिक खोजों के पीछे चीन की आक्रामक भूवैज्ञानिक रणनीति और अत्याधुनिक तकनीक की बड़ी भूमिका है। चीनी वैज्ञानिक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दुनिया के सबसे शक्तिशाली ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार और अत्याधुनिक मिनरल एक्सप्लोरेशन सैटेलाइट्स का उपयोग कर रहे हैं।

चीन ने केवल पिछले साल इस क्षेत्र में 116 अरब युआन का निवेश किया, जबकि 2021 से अब तक कुल खर्च 450 अरब युआन तक पहुंच चुका है।

वैश्विक सोना बाजार पर असर

चीन पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है। चीन गोल्ड एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले साल देश में 377 टन से अधिक सोने का उत्पादन हुआ। हालांकि, प्रमाणित भंडार के मामले में वह अब भी दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और रूस से पीछे रहा है। नई खोजों से यह अंतर तेजी से कम होने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन खोजों से न केवल चीन की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि वैश्विक सोना बाजार और भू-राजनीतिक समीकरणों पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।

समंदर की गहराइयों से निकला यह खजाना चीन को ‘स्वर्ण शक्ति’ के रूप में और मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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