
भारत के पहले विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘कोच’ नहीं बल्कि ‘टीम मैनेजर’ करार दिया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज़ में मिली 0-2 की हार के बाद गंभीर की आलोचनाओं के बीच कपिल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हेड कोच का असली काम तकनीक सिखाना नहीं बल्कि खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना और टीम के लिए सही माहौल तैयार करना है।
कपिल देव ने तर्क दिया कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को लेग-स्पिन या विकेटकीपिंग जैसी तकनीकी सलाह की आवश्यकता नहीं होती। उनका कहना है कि यह काम स्कूल या कॉलेज स्तर के कोचों का होता है। हेड कोच की मुख्य जिम्मेदारी खिलाड़ियों को प्रेरित करना, उनके आत्मविश्वास को मजबूत करना और टीम को प्रेरक माहौल देना है।
उन्होंने यह भी बताया कि जो खिलाड़ी फॉर्म में है, उसे कोच की ज्यादा जरूरत नहीं होती। असली जिम्मेदारी उन खिलाड़ियों के साथ है जो संघर्ष कर रहे हैं। कपिल देव के अनुसार, ‘खराब फॉर्म में खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाना और उन्हें टीम का अहम हिस्सा महसूस कराना’ ही एक सफल कोच या कप्तान की सबसे बड़ी निशानी है।