
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने प्रतिष्ठाद्वादशी के पंचदिवसीय कार्यक्रम का प्रस्तावित कार्यक्रम जारी कर दिया है। राम मंदिर परिसर में भव्यउत्सव के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मुख्य कार्यक्रम 31 दिसंबर को होगा, जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथसिंह और मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ मुख्य रूप से शामिल होंगे।
प्रमुख आयोजन:
- 29 दिसंबर: सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक मानस पाठ, दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेशाचार्य की कथा, और शाम 5:30 से 7 बजे तक रामलीला की प्रस्तुति।
- 30 दिसंबर: 29 दिसंबर का कार्यक्रम उसी क्रम में दोहराया जाएगा।
- 31 दिसंबर: सुबह 8 बजे से 12:30 बजे तक मानस पाठ, दोपहर 1 से 3 बजे तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का उद्घाटन, इसके बाद कथा, शाम 6 से 7:30 बजे तक कवि सम्मेलन, और शाम में वाराणसी की अंशिका सिंह की प्रस्तुति।
- 1 जनवरी 2026: सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक मानस पाठ, दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक कथा। शाम 6 से 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिसमें अनूप जलोटा और तृप्ति शाक्या के भजन, फिरोजाबाद के मयूरी डांस ग्रुप द्वारा राम कथा पर आधारित नृत्य नाटिका।
- 2 जनवरी 2026: दिन के कार्यक्रम पहले की तरह, शाम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां—सुरेश वाडेकर, संजोली पांडेय, शालीना चतुर्वेदी ग्रुप का कथक नृत्य नाटिका ‘राम की शक्ति पूजा’।
ध्वजारोहण और विशेष तैयारियां:
राम मंदिर परिसर के परकोटा के 6 मंदिरों और शेषावतार मंदिर का ध्वजारोहण तैयार किया जा रहा है। मुख्य मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की ऊंचाई 191 फुट है, जबकि परकोटा के 6 मंदिरों की ऊंचाई लगभग 85 फुट और शेषावतार मंदिर का ध्वज 75 फुट के करीब है। राम मंदिर के दूसरे तल के गर्भगृह में रामनाम मंदिर और श्रीराम यंत्र की स्थापना भी रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री कर सकते हैं। ट्रस्ट के अनुसार, धर्म ध्वजों को रामनवमी के पर्व पर बदला जाएगा।
प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव 29 दिसंबर से शुरू होकर 2 जनवरी 2026 तक चलेगा, और यह आयोजन अयोध्या में सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भव्य प्रदर्शन साबित होगा।