
बिहार के नवादा जिले में हुई मोहम्मद अथर हुसैन लिंचिंग घटना के बाद मुस्लिम संगठनों ने मुखर होकर पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे और राहत की मांग की है। इमारत–ए–शरिया समेत कई संगठनों ने गुरुवार को 50 लाख रुपये के मुआवजे, मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सहायता की मांग की।
मोहम्मद अथर हुसैन की कथित तौर पर 5 दिसंबर को भट्टा गांव में पिटाई की गई थी। हुसैन साइकिल पर कपड़े बेचता था और पंचर ठीक कराने के लिए रुके थे। हमलावरों ने पहले उनका नाम और पेशा पूछा, फिर 18,000 रुपये लूटकर उन पर हमला किया। बाद में हमलावरों की संख्या बढ़कर 15-20 हो गई और हुसैन को निर्वस्त्र कर गर्म लोहे की छड़ से पीटा गया। 12 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मुआवजे की मांग और जांच:
फुलवारीशरीफ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुफ्ती मोहम्मद सईदुल रहमान कासमी ने घटना को अत्यंत गंभीर बताया और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा, “दोषियों पर त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।” इसके साथ ही संगठनों ने बिहार में बढ़ते अपराध दर को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की भी अपील की।
इस मामले ने राज्य में कानून व्यवस्था और अल्पसंख्यक सुरक्षा के मुद्दों पर नई बहस को जन्म दिया है।