
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक मदन मित्रा के विवादित बयान ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। गुरुवार को सामने आए एक वीडियो में उन्हें कथित रूप से कहा गया कि भगवान राम मुसलमान थे और उनका कोई उपनाम नहीं था। इस बयान के बाद भाजपा ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया।
वीडियो में कामरहाटी विधायक एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। भाजपा ने इसे हिंदू भावनाओं पर लगातार हमला और टीएमसी की ‘हिंदू-विरोधी’ छवि बनाने वाला कदम बताया। पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि ऐसे बयान केवल अज्ञानता से नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण के तहत आते हैं।
मदन मित्रा ने सफाई दी
मदन मित्रा ने भाजपा के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि यह वीडियो 2024 का पुराना भाषण है, जिसे संपादित कर नए साल की शुरुआत में चुनाव से पहले वायरल किया गया। उन्होंने कहा, “मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। मेरा उद्देश्य धर्म पर हमला करना नहीं, बल्कि भाजपा की ‘हिंदू धर्म की सतही समझ’ को उजागर करना था।”
टीएमसी ने दूरी बनाई
टीएमसी ने विधायक के बयान से खुद को अलग कर लिया। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि जब बात मित्रा की हो, तो हम उनके बयानों पर टिप्पणी करने योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हमने रामायण पढ़ी है और अयोध्या, लंका और सीतामढ़ी के बारे में जानते हैं।”
BJP की प्रतिक्रिया
भाजपा ने वीडियो को लेकर टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति और इतिहास का लगातार अपमान है। पार्टी ने टीएमसी से मित्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने ममता बनर्जी की चुप्पी को भी हिंदू भावनाओं की अनदेखी करार दिया।
राजनीतिक और धार्मिक विवाद बढ़ा
इस बयान ने आगामी चुनावों से पहले राज्य में धार्मिक और राजनीतिक मतभेदों को और गहरा दिया है। हालांकि मित्रा के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि “यह मनगढ़ंत है और भगवान राम धर्म से ऊपर हैं। इसे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।”