
मशहूर लेखक और समाजिक चिंतक आचार्य प्रशांत ने हाल ही में एक सेशन में मातृत्व को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल गर्भधारण या बच्चे को जन्म देना किसी को मां नहीं बनाता। उनका मानना है कि अच्छी मां बनने के लिए सबसे पहले एक अच्छा इंसान होना जरूरी है।
सेशन में एक लड़की ने उनसे सवाल किया, “पूरा समाज कहता है कि माता तो देवी होती है, लेकिन क्या माता कुमाता भी हो सकती है?” आचार्य प्रशांत ने इसका जवाब देते हुए कहा, “बिलकुल हो सकती है। सिर्फ इसलिए कि कोई बच्चा पैदा कर देती है, वह देवी नहीं बन जाती। अधिकांश महिलाएं, बच्चों को जन्म देने के बावजूद, कभी-कभी जिम्मेदारी निभाने में असफल हो सकती हैं।”
लेखक ने समाज में मातृत्व को लेकर बनी भ्रांतियों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “सिर्फ इसलिए कि कोई लड़की बच्चा पैदा कर देती है, उसे अचानक माता जी क्यों मान लिया जाता है? उसके फैसले और जिम्मेदारियां वही रहती हैं जो पहले थीं। बच्चा उसके हाथ में है, लेकिन अगर मां खुद जिम्मेदार नहीं है, तो वह अच्छा पालन-पोषण कैसे कर पाएगी?”
आचार्य प्रशांत ने यह भी कहा कि मां बनना कोई आसान या स्वचालित प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अच्छे इंसान के बिना एक अच्छी मां बनना असंभव है।
उन्होंने सेशन में स्पष्ट किया कि मातृत्व सिर्फ जैविक घटना नहीं, बल्कि प्रेम, जिम्मेदारी और नैतिकता का मिश्रण है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सोशल मीडिया रील पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।