
नई दिल्ली: अमेरिका में H-1B वीजा पाना किसी विदेशी स्टूडेंट के लिए बेहद अहम होता है। इस वीजा के जरिए स्टूडेंट तीन साल तक अमेरिका में आराम से जॉब कर सकता है। लेकिन हाल ही में एक विदेशी स्टूडेंट के साथ ऐसा हुआ, जिसे किसी धोखे से कम नहीं कहा जा सकता।
विदेशी स्टूडेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर ‘HR ने मेरा H-1B वीजा वापस लिया’ नाम से पोस्ट शेयर किया। स्टूडेंट ने बताया कि अप्रैल 2025 में कंपनी ने उसे H-1B वीजा के लिए स्पॉन्सर करने की बात कही थी। उसने जी-जान से काम किया, टीम के लिए इंटरनल इंट्रानेट तैयार किया और कॉन्फ्रेंस की तैयारियों में भी योगदान दिया।
लेकिन जुलाई 2025 में कंपनी में मैनेजमेंट बदलाव के बाद उसकी जॉब मार्केटिंग कोऑर्डिनेटर कर दी गई। नई जॉब के लिए कोई जिम्मेदारी या स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया, जिससे स्टूडेंट को लग रहा था कि उसकी स्थिति अस्थिर है।
H-1B वीजा छीना गया
दिसंबर 2025 में कंपनी की HR टीम ने अचानक H-1B वीजा याचिका वापस ले ली। स्टूडेंट के मुताबिक, HR ने कहा कि नई जॉब के लिए वीजा की जरूरत नहीं है और रिजेक्शन की संभावना के चलते याचिका वापस ली जा रही है। स्टूडेंट को सूचित किया गया कि अगर वह अगले 60 दिनों के भीतर नई जॉब नहीं पाता, तो उसे अमेरिका छोड़ना पड़ेगा।
विदेशी स्टूडेंट ने पोस्ट में लिखा, “मेरी पूरी मेहनत और योगदान के बावजूद H-1B वीजा वापस ले लिया गया। अब मेरा भविष्य अमेरिका में अधर में लटक गया है।”
यह मामला विदेशियों के H-1B वीजा के प्रति कंपनियों के रवैये और अमेरिका में विदेशी स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है।