
अंकारा।
तुर्की लगभग एक दशक पहले रूस से खरीदे गए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को वापस लेने की योजना बना रहा है। इस कदम से वह विवादित डील समाप्त हो जाएगी जिसने अमेरिका और अन्य NATO सदस्यों के साथ तुर्की के रिश्तों को प्रभावित किया था। इस मुद्दे पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की है।
एर्दोगन ने उठाया S-400 का मुद्दा:
तुर्की प्रेसिडेंट ने हाल ही में तुर्कमेनिस्तान में एक बैठक के दौरान पुतिन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। इससे पहले भी दोनों देशों के अधिकारियों के बीच इसी तरह की बातचीत होती रही है। हालांकि, तुर्की ने अभी तक आधिकारिक रूप से S-400 की वापसी की पुष्टि नहीं की है। गौरतलब है कि तुर्की यूरोप का पहला और एकमात्र देश है जिसके पास यह रूसी एयर डिफेंस सिस्टम है।
F-35 जेट की राह खुलेगी:
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तुर्की S-400 सिस्टम वापस करता है, तो उसे अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की मंजूरी मिल सकती है। अमेरिका और NATO अधिकारियों की चिंता थी कि तुर्की द्वारा S-400 की तैनाती, रूसी खुफिया को F-35 की संवेदनशील तकनीक तक पहुंचाने का जोखिम बढ़ा सकती है। इसी कारण अमेरिका ने तुर्की को F-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया था।
तुर्की और F-35 प्रोग्राम:
S-400 खरीदने से पहले तुर्की अमेरिकी F-35 प्रोजेक्ट में शामिल था। तुर्की की कंपनियां फ्यूजलेज, लैंडिंग गियर और अन्य उपकरण तैयार कर रही थीं और पायलट एरिजोना में ल्यूक एयरफोर्स बेस पर प्रशिक्षण ले रहे थे। S-400 की डिलीवरी के बाद तुर्की को F-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया।
नोट: यदि यह कदम सफल हुआ तो तुर्की और अमेरिका के रिश्तों में सुधार होने के साथ-साथ F-35 जेट का सपना भी पूरा हो सकता है।
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