
बीजिंग/दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण विकराल रूप ले चुका है। बुधवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 329 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इस स्थिति के बीच चीनी दूतावास की प्रवक्ता हू जिंग ने चीन के बीजिंग मॉडल के आधार पर दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए 6 महत्वपूर्ण उपायों सुझाए हैं।
बीजिंग पहले दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक था, लेकिन सख्त नीतियों और प्रभावी कार्यक्रमों के चलते वहां वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ। हू जिंग ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। आइए जानते हैं चीन के 6 उपाय:
1. सख्त वाहन उत्सर्जन नियम लागू करना:
बीजिंग ने Euro-6 मानकों के बराबर China 6NI जैसे अल्ट्रा-स्ट्रिक्ट एमिशन स्टैंडर्ड लागू किए। वाहन कंपनियों को बेहतर इंजन तकनीक और एडवांस्ड फिल्टर सिस्टम का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर जुर्माना और सड़क से हटाने की कार्रवाई की गई।
2. पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को हटाना:
बीजिंग ने पुराने डीजल ट्रक और बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाया और उनके स्थान पर नए, कम प्रदूषण वाले या इलेक्ट्रिक वाहन लाए। शहर के अंदर पुराने वाहनों की एंट्री पर रोक लगाकर हवा की गुणवत्ता में सुधार किया गया।
3. कारों की संख्या सीमित करना:
नई कारें खरीदने के लिए लाइसेंस प्लेट लॉटरी सिस्टम लागू किया गया। इसके अलावा ऑड-ईवन नियम और हफ्ते के तय दिनों में वाहन चलाने की पाबंदियां लागू की गईं, जिससे ट्रैफिक कम हुआ और प्रदूषण घटा।
4. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत बनाना:
निजी कारों पर निर्भरता कम करने के लिए बीजिंग ने सार्वजनिक परिवहन में भारी निवेश किया। तेज और विशाल मेट्रो नेटवर्क, आधुनिक बस सेवाओं और स्टेशन सुविधाओं से लोगों ने सार्वजनिक वाहनों का अधिक उपयोग शुरू किया।
5. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना:
इलेक्ट्रिक कारों, बसों और टैक्सियों के लिए सब्सिडी और टैक्स में छूट दी गई। चार्जिंग स्टेशनों का विशाल नेटवर्क बनाया गया। इलेक्ट्रिक वाहनों को लाइसेंस प्लेट लॉटरी से छूट भी दी गई, जिससे लोगों को EV अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
6. आसपास के क्षेत्रों के साथ समन्वित रणनीति:
बीजिंग ने तियानजिन–हेबेई क्षेत्र के साथ मिलकर प्रदूषण नियंत्रण की साझा नीति अपनाई। औद्योगिक इलाके, पावर प्लांट्स और ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर सख्त नियम लागू किए गए। पड़ोसी क्षेत्रों में प्रदूषण ज्यादा होने पर तुरंत सख्ती लागू की गई और निगरानी प्रणाली बनाई गई।
निष्कर्ष:
हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए चीन के मॉडल में कठोर नियम, तकनीकी नवाचार, इलेक्ट्रिक वाहन और क्षेत्रीय समन्वय मुख्य भूमिका निभाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इन उपायों को अपनाए, तो दिल्ली की हवा में जल्द सुधार संभव है।