
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में भारतीय सेना ने एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक हरकत को नाकाम कर दिया है। एलओसी (Line of Control) के केरन सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को सेना ने ‘ऑपरेशन पिंपल’ के तहत विफल कर दिया। इस कार्रवाई में दो आतंकवादी ढेर हो गए। सेना के व्हाइट चिनार कॉर्प्स ने बताया कि इलाके में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है, क्योंकि यह इलाका घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों से घिरा हुआ है।
यह वही क्षेत्र है जो हाल के महीनों में आतंकियों की घुसपैठ के लिए पाकिस्तान की ओर से सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले भी माछिल सेक्टर में अक्टूबर के दौरान सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया था। पिछले कुछ महीनों में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन महादेव’ से लेकर ‘ऑपरेशन पिंपल’ तक करीब दर्जनभर आतंकियों का सफाया किया है।
🔴 क्यों बार-बार टारगेट पर है कुपवाड़ा?
कुपवाड़ा जम्मू-कश्मीर का एक सीमावर्ती जिला है, जो उत्तर-पश्चिमी हिस्से में पाकिस्तान से सटा हुआ है। यहां की भौगोलिक बनावट बेहद जटिल है — घने जंगल, ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं और संकरी दर्रियां इसे सेना के लिए निगरानी के लिहाज से चुनौतीपूर्ण इलाका बनाती हैं।
- एलओसी कुपवाड़ा के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से से गुजरती है।
- यहां जोजिला और राजदान जैसे दर्रे हैं, जो घुसपैठ के संभावित रास्ते माने जाते हैं।
- सर्दी के मौसम में जब बर्फबारी बढ़ती है, तो सेना की पेट्रोलिंग मुश्किल हो जाती है, और यही मौका पाकिस्तान की तरफ से भेजे जा रहे आतंकियों के लिए ‘स्लिपिंग विंडो’ बनता है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की सख्त निगरानी और तकनीकी खुफिया क्षमताओं के कारण पाकिस्तान की अधिकांश कोशिशें अब असफल हो रही हैं।
⚔️ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान को फिर मिला करारा जवाब
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान समर्थित आतंकी ढांचे को जवाब दिया था, उसने दुश्मन को गहरे झटके दिए थे। अब ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ के रूप में सेना ने कुपवाड़ा में फिर साबित कर दिया कि हर नापाक इरादे का अंजाम सिर्फ और सिर्फ मौत है।
हाल के महीनों में सेना ने कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया है —
- अगस्त में ‘समंदर चाचा’ उर्फ बागू खान को मार गिराया गया था, जो 100 से ज्यादा घुसपैठों के लिए जिम्मेदार माना जाता था।
- जुलाई में पुंछ सेक्टर में बड़ी घुसपैठ की कोशिश नाकाम हुई थी।
- अक्टूबर में दो घुसपैठियों को कुपवाड़ा में ढेर किया गया।
🔰 सेना का संदेश — “हर कोशिश का होगा जवाब”
भारतीय सेना ने दो टूक संदेश दिया है कि आतंक फैलाने की हर कोशिश का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।
कुपवाड़ा और केरन सेक्टर में लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं, और हर बार सेना ने यह साबित किया है कि भारत की सीमाएं अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और सतर्क हैं।
निष्कर्ष:
कुपवाड़ा में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें पाकिस्तान की बौखलाहट का परिणाम हैं। लेकिन भारत के जवान हर मौसम, हर चुनौती में सीमा की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि भारत अब जवाब देने में नहीं, करारा सबक सिखाने में विश्वास रखता है।