
पुणे। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले कांग्रेस को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बड़ा और आत्मालोचनात्मक बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस आम लोगों से जुड़े बुनियादी मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने में असफल रही है, जिसका असर पार्टी की जनस्वीकृति पर पड़ा है।
मंगलवार को पुणे में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पार्टी द्वारा चलाई गई ‘संविधान यात्रा’ और ‘तिरंगा यात्रा’ जैसे कार्यक्रम आम जनता और युवाओं को आकर्षित नहीं कर सके। उन्होंने स्वीकार किया कि इन आयोजनों में मुख्य रूप से पार्टी कार्यकर्ता ही नजर आए, जबकि आम लोगों की भागीदारी बेहद सीमित रही।
‘युवाओं से जुड़ नहीं पा रही कांग्रेस’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को अपने साथ जोड़ने की है, लेकिन पार्टी इस दिशा में अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर पाई। उन्होंने कहा,
“हमें ईमानदारी से स्वीकार करना होगा कि हम युवाओं की भाषा में उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं।”
बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दों पर चूक
पृथ्वीराज चव्हाण ने माना कि कांग्रेस बेरोजगारी, किसानों के संकट और बढ़ती महंगाई जैसे जमीनी मुद्दों को उतनी मजबूती से नहीं उठा पाई, जितनी जरूरत थी। उन्होंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जो सीधे आम जनता, खासकर युवाओं और किसानों के जीवन को प्रभावित करते हैं और इन्हीं पर राजनीति केंद्रित होनी चाहिए।
बीजेपी सरकार पर भी साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस दौरान भाजपा सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार का विकास मॉडल एकतरफा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का फोकस केवल हाईवे, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तक सीमित है, जबकि आम आदमी की रोजमर्रा की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
‘जनता के मुद्दों पर लौटना होगा’
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि अगर कांग्रेस को दोबारा मजबूत बनना है, तो उसे युवाओं, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के वास्तविक मुद्दों पर केंद्रित राजनीति करनी होगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रमों से नहीं, बल्कि जनसरोकार से जुड़े संघर्षों से ही पार्टी दोबारा जनता का विश्वास जीत सकती है।