
पर्थ, ऑस्ट्रेलिया: क्रिकेट इतिहास में 15 दिसंबर 1979 का दिन अनोखा रहा। ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड एशेज टेस्ट में तेज गेंदबाज डेनिस लिली ने एल्युमीनियम बैट से बैटिंग करने की कोशिश की, जिसने मैच को कुछ समय के लिए रोकने पर मजबूर कर दिया और अंततः क्रिकेट के नियम बदलने पड़ गए।
अजीब सी आवाज ने जगाई हलचल
पर्थ टेस्ट के अगले दिन सुबह, इयान बॉथम की गेंद लिली के एल्युमीनियम बैट से टकराई तो अजीब सी आवाज हुई। इंग्लैंड के कप्तान माइक ब्रेयरली चौंक गए और तत्काल अंपायरों को बुलाया। जांच में पता चला कि लिली लकड़ी के बजाय एल्युमीनियम का बैट इस्तेमाल कर रहे थे।
नियमों का फायदा उठाया लिली ने
अंपायर ने बैट बदलने के लिए कहा, लेकिन लिली ने आईसीसी के नियमों का हवाला देते हुए खेल जारी रखने पर अड़ गए। ब्रेयरली ने गेंद खराब होने की बात कही और मैच शुरू करने से मना कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ग्रेग चैपल ने भी बैट बदलने के लिए हस्तक्षेप किया, लेकिन लिली ने बैट नहीं बदला। जब दर्शकों की हूटिंग और कप्तान की नाराजगी बढ़ी, तब लिली ने अंततः एल्युमीनियम बैट को छोड़कर सामान्य लकड़ी के बैट से खेल शुरू किया।
मैच में धमाकेदार प्रदर्शन
मैच शुरू होने के 10 मिनट बाद, लिली ने महज 18 रन बनाए, लेकिन गेंदबाजी में उन्होंने अपनी पूरी क्षमता दिखाई। उन्होंने दोनों पारी में 6 विकेट लिए और इंग्लैंड को 138 रन से हरा दिया।
बैट ने बदले क्रिकेट के नियम
इस घटना के बाद आईसीसी ने नियम बदलते हुए स्पष्ट किया कि क्रिकेट का बैट केवल लकड़ी से बनेगा, ताकि भविष्य में कोई खिलाड़ी ऐसा प्रयोग न कर सके। लिली ने इस एल्युमीनियम बैट को ऐतिहासिक याद के तौर पर अपने संग्रह में रखा और मैच के बाद टीमों ने उस पर ऑटोग्राफ किए।
संक्षेप में:
- डेनिस लिली ने एल्युमीनियम बैट से खेलकर टेस्ट मैच को रोक दिया।
- अंपायर और कप्तानों की चेतावनी के बाद बैट बदला गया।
- मैच में लिली ने 6 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई।
- घटना के बाद ICC ने बैट नियम में बदलाव किया।