
अयोध्या (राहुल पराशर): अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक और पूर्व भाजपा सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का सोमवार को निधन हो गया। रविवार को उनकी अचानक तबीयत बिगड़ी थी, जिसके बाद उन्हें रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निधन राम मंदिर आंदोलन से जुड़े नेताओं और समर्थकों के लिए दुखद खबर है।
कौन थे डॉ. रामविलास वेदांती?
डॉ. रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। वे राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से सक्रिय रूप से जुड़े रहे और 12वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। वे श्री राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य भी रहे और मंदिर निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई।
राजनीति में इतिहास रचा
प्रतापगढ़ की राजनीति में डॉ. वेदांती ने भाजपा का कमल पहली बार खिलाया। 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रत्ना सिंह को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उनका यह सफर राम मंदिर आंदोलन में उनकी सशक्त भूमिका का परिणाम था।
राम मंदिर आंदोलन में योगदान
डॉ. वेदांती ने आंदोलन के दौरान कई बार जेल की सलाखों का सामना किया और 25 बार गिरफ्तार हुए। उन्होंने सार्वजनिक मंचों और साक्षात्कारों में मंदिर निर्माण को लेकर अपने स्पष्ट दृष्टिकोण को साझा किया। उनका मानना था कि अयोध्या का भव्य राम मंदिर विश्व का एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल बनेगा।
सतर्क और सशक्त नेतृत्व
डॉ. वेदांती ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण में किसी भी धर्म विशेष के खिलाफ कदम नहीं उठाया गया। उनके अनुसार मंदिर केवल भगवान राम के प्राचीन स्थल का पुनर्निर्माण है। आंदोलन में उनके नेतृत्व और सक्रिय भागीदारी के कारण उन्हें राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।
श्रद्धांजलि
डॉ. रामविलास वेदांती का निधन राम मंदिर आंदोलन और भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान और संकल्प ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की राह को मजबूत किया।