
नई दिल्ली: साल 2026 टेक्नोलॉजी की दुनिया के लिए बड़ा साल होने वाला है। ह्यूमनॉइड रोबोट्स अब घरों, गोदामों और फैक्ट्रियों में काम करने लगेंगे। कंपनियां दावा कर रही हैं कि ये रोबोट दुनिया बदल देंगे। लेकिन इनके साथ कुछ बड़ी समस्याएं भी खड़ी हैं, जिन्हें पहले सुलझाना जरूरी है।
1. इंसानों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती:
सीनेट की रिपोर्ट के मुताबिक, इन रोबोट्स से इंसानों की सुरक्षा फिलहाल पूरी तरह सुनिश्चित नहीं है। कुछ रोबोट जैसे डिजिट गोदामों में काम कर रहे हैं, लेकिन अभी इंसानों के साथ काम नहीं कर सकते। गलती से किसी को चोट लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। कंपनियां सुरक्षा तकनीक पर काम कर रही हैं, लेकिन अभी यह पूरी तरह तैयार नहीं है।
2. प्राइवेसी का खतरा:
घर में इस्तेमाल होने वाले रोबोट्स में कैमरा और माइक्रोफोन लगे होते हैं। इससे बच्चों, पालतू जानवरों और कीमती सामान की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। इंटरनेट से जुड़े होने के कारण हैकिंग का डर भी रहता है। कुछ रोबोट्स दूर से विशेषज्ञों द्वारा नियंत्रित किए जाएंगे और डेटा कंपनी को भेजा जाएगा। फिर भी लोगों के लिए इसे घर में अपनाना आसान नहीं होगा।
3. कीमत बहुत ज्यादा:
नियो जैसे रोबोट्स की शुरुआती कीमत लगभग 20,000 डॉलर है, और बाद में मासिक किराया 500 डॉलर तक हो सकता है। इससे आम परिवार इसे नहीं खरीद पाएंगे। 2026 में ये महंगे रहेंगे और केवल अमीरों तक सीमित रहेंगे।
4. नौकरियों पर असर:
रोबोट्स इंसानों जैसे काम करने लगेंगे। गोदाम में भारी सामान उठाना या घर में सफाई करना जैसे काम अब रोबोट करेंगे। इससे उन लोगों की नौकरियों पर असर पड़ेगा जो आज इन्हीं कामों पर निर्भर हैं। सरकारों को नई स्किल सिखाने और बेरोजगारी रोकने की योजना बनानी होगी।
निष्कर्ष:
साल 2026 रोबोटिक्स के लिए नया अध्याय खोलने वाला है। ये रोबोट इंसान की जिंदगी आसान बनाएंगे, लेकिन सुरक्षा, प्राइवेसी, महंगाई और रोजगार जैसी समस्याओं को हल करना बेहद जरूरी होगा। तभी ये तकनीक समाज में स्वीकार्य और टिकाऊ बन पाएगी।