
नई दिल्ली: इंडिगो संकट अब DGCA के चार इंस्पेक्टरों की नौकरी पर भारी पड़ा। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के नए पायलट आराम (रेस्ट) नियमों के तहत तैयारी पर नजर रखने के लिए DGCA ने चार इंस्पेक्टर लगाए थे। लेकिन इनकी निगरानी नाकाफी साबित हुई, जिसके बाद सरकार ने ऋषि राज चटर्जी, सीमा झमनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक को टर्मिनेट कर दिया।
पायलट ही होते हैं इंस्पेक्टर
DGCA सक्रिय पायलटों को पांच साल के कॉन्ट्रैक्ट पर ऑडिटर के रूप में रखता है। इस दौरान उन्हें किसी एयरलाइन के लिए उड़ान भरने की अनुमति नहीं होती। इनकी जिम्मेदारी होती है यह सुनिश्चित करना कि एयरलाइंस सभी नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं।
इंडिगो पर भारी पड़ा नया नियम
इंडिगो भारत में घरेलू उड़ानों का 65% से अधिक संचालन करती है। हाल ही में नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FTDL) नियमों के तहत पायलटों को ज्यादा आराम दिया जाना था। लेकिन इंडिगो नई आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रही, जिससे हजारों उड़ानें रद्द हुईं और हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मची।
DGCA की भूमिका पर सवाल
एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि इस संकट के लिए DGCA की निगरानी भी सवालों के घेरे में है। DGCA को एयरलाइन की क्षमता, पायलटों की संख्या और नए नियमों की तैयारी का ऑडिट करना आवश्यक था। इस समय DGCA सीधे नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को रिपोर्ट करता है।
सरकार ने लिया कदम
इंडिगो के पायलटों की कमी के चलते और उड़ानों के रद्द होने की वजह से सरकार ने एयरलाइन को अपनी उड़ानों में 10% कटौती करने का आदेश दिया है। अधिकारियों का कहना है कि मासिक बैठकों के बावजूद इंडिगो ने नए आराम नियमों के लिए पर्याप्त पायलट नियुक्त नहीं किए।
निष्कर्ष:
DGCA के चारों इंस्पेक्टरों की बर्खास्तगी से साफ है कि इंडस्ट्री में नियामक निगरानी और एयरलाइन संचालन में गंभीर अंतराल था। अब इंडिगो को पायलट नियुक्त कर उड़ानों की नियमितता सुनिश्चित करनी होगी।