
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने राज्यभर में लगाए गए खराब और पुरानी तकनीक वाले स्मार्ट मीटरों को बदलने के लिए बड़ा फैसला करते हुए 11.32 लाख मीटर को चरणबद्ध तरीके से मार्च 2027 तक बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन सभी को अत्याधुनिक स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदला जाएगा। यह प्रक्रिया केंद्र सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत पूरी की जाएगी।
2G-3G तकनीक वाले पुराने मीटर होंगे रिटायर
UPPCL ने बताया कि घरों में लगे पुराने स्मार्ट मीटर 2G व 3G तकनीक पर आधारित थे, जिन्हें ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (EESL) की ओर से लगाया गया था। 2018 में UPPCL और EESL के बीच 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का एमओयू हुआ था, लेकिन 2025 के अंत तक केवल 12.04 लाख मीटर ही स्थापित हो पाए।
2020 की बड़ी तकनीकी गड़बड़ी बनी टर्निंग पॉइंट
12 अगस्त 2020 की रात जन्माष्टमी के दौरान 1.58 लाख स्मार्ट मीटर अचानक ग्रिड से डिस्कनेक्ट हो गए थे, जिससे कई जिलों में बिजली व्यवस्था चरमरा गई। इस घटना के बाद तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी।
5 दिसंबर 2025 को UPPCL के एमडी पंकज कुमार ने चेयरमैन और EESL सीईओ को पत्र भेजकर प्रोजेक्ट में मौजूद कई गंभीर खामियों की ओर ध्यान दिलाया।
EESL पर गंभीर आरोप: RMS-MDM कनेक्टिविटी फेल
UPPCL के अनुसार—
- EESL रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम (RMS) को मीटर डेटा मैनेजमेंट (MDM) से जोड़ने में असफल रहा।
- इससे मीटर डेटा की शुद्धता, बिलिंग, ऑडिटिंग और प्रीपेड फीचर प्रभावित हुए।
- मई 2023 में अधिक टेलीकॉम ऑपरेटरों को जोड़ने के आदेश के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ।
- 2022 से 2025 के बीच दिए गए कई अवसरों के बावजूद EESL समस्याओं का समाधान नहीं कर सका।
उपभोक्ता परिषद ने उठाए सवाल, 960 करोड़ खर्च का हवाला
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पुराने 2G-3G स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट पर 960 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। अब नए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों पर 682 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने इसे “सार्वजनिक धन की भारी बर्बादी” बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
UPPCL का दावा—नई तकनीक से बढ़ेगी पारदर्शिता
UPPCL के नए प्लान के अनुसार—
- EESL द्वारा लगाए गए 11,32,506 मीटर मार्च 2027 तक बदल दिए जाएंगे।
- नए प्रीपेड स्मार्ट मीटर रियल-टाइम खपत मॉनिटरिंग सक्षम करेंगे।
- बिलिंग अधिक सटीक होगी, लाइन लॉस और बिजली चोरी कम होगी।
- उपभोक्ता रिचार्ज आधारित मॉडल के जरिए बिलिंग को आसानी से नियंत्रित कर सकेंगे।
UPPCL का कहना है कि इस बड़े परिवर्तन से उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय व स्थायी बिजली सेवा उपलब्ध कराई जा सकेगी।