
भारत को बड़ी सफलता: iPhone के बाद टाटा बनाएगी कंप्यूटर–लैपटॉप की AI चिप, इंटेल के साथ 14 अरब डॉलर की मेगा डील
नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को बड़ी उपलब्धि मिली है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अब इंटेल का पहला भारतीय निर्माण साझेदार बन गया है। कंपनी देश में लगभग 14 अरब डॉलर की लागत से दो अत्याधुनिक चिप फैक्ट्रियां स्थापित कर रही है, जहाँ भविष्य में कंप्यूटर और लैपटॉप के लिए AI चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा।
भारत में शुरू होगी बड़ी चिप मैन्युफैक्चरिंग
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात में एक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट और असम में चिप असेंबली व टेस्टिंग यूनिट स्थापित कर रहा है। दोनों प्लांट्स में इंटेल अपनी AI आधारित चिप डिजाइन उपलब्ध कराएगा, जबकि मैन्युफैक्चरिंग का काम टाटा करेगा।
यह भारत की चिप निर्माण यात्रा की आधिकारिक शुरुआत मानी जा रही है। अभी तक अधिकांश चिप्स विदेश से आयात किए जाते रहे हैं।
चीन से बाहर शिफ्ट हो रही सप्लाई चेन का भारत को फायदा
दुनियाभर में कई कंपनियां अपनी सप्लाई चेन चीन से बाहर स्थानांतरित कर रही हैं। ऐसे में भारत का मजबूत और विश्वसनीय मैन्युफैक्चरिंग विकल्प के रूप में उभरना एक बड़ा अवसर है। टाटा–इंटेल साझेदारी से भारत वैश्विक चिप इकोसिस्टम का प्रमुख हिस्सा बन सकता है।
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
इंटेल के CEO लिप-बू टैन के अनुसार भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता कंप्यूटर बाजार बन रहा है—विशेषकर AI कंप्यूटर्स की मांग में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है।
वहीं, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के CEO रंधीर ठाकुर का कहना है कि साझेदारी से—
- उत्पादों की उपलब्धता तेजी से होगी
- लागत में कमी आएगी
- नई तकनीक भारतीय बाजार में जल्दी पहुंचेगी
इसका सीधा फायदा भारतीय उपभोक्ताओं को मिलने वाला है।
सेमीकंडक्टर मिशन को मिलेगी नई रफ़्तार
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स की भारी खपत होने के बावजूद चिप निर्माण की सुविधा अब तक विकसित नहीं हो सकी थी। सरकार ने इस अंतर को दूर करने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) शुरू किया, जिसके तहत अब तक 10 से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है।
टाटा–इंटेल डील से न केवल कंपनियों को फायदा होगा बल्कि देश के लिए भी यह मील का पत्थर साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया के टॉप–5 कंप्यूटर बाजारों में शामिल हो सकता है।नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को बड़ी उपलब्धि मिली है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अब इंटेल का पहला भारतीय निर्माण साझेदार बन गया है। कंपनी देश में लगभग 14 अरब डॉलर की लागत से दो अत्याधुनिक चिप फैक्ट्रियां स्थापित कर रही है, जहाँ भविष्य में कंप्यूटर और लैपटॉप के लिए AI चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा।
भारत में शुरू होगी बड़ी चिप मैन्युफैक्चरिंग
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात में एक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट और असम में चिप असेंबली व टेस्टिंग यूनिट स्थापित कर रहा है। दोनों प्लांट्स में इंटेल अपनी AI आधारित चिप डिजाइन उपलब्ध कराएगा, जबकि मैन्युफैक्चरिंग का काम टाटा करेगा।
यह भारत की चिप निर्माण यात्रा की आधिकारिक शुरुआत मानी जा रही है। अभी तक अधिकांश चिप्स विदेश से आयात किए जाते रहे हैं।
चीन से बाहर शिफ्ट हो रही सप्लाई चेन का भारत को फायदा
दुनियाभर में कई कंपनियां अपनी सप्लाई चेन चीन से बाहर स्थानांतरित कर रही हैं। ऐसे में भारत का मजबूत और विश्वसनीय मैन्युफैक्चरिंग विकल्प के रूप में उभरना एक बड़ा अवसर है। टाटा–इंटेल साझेदारी से भारत वैश्विक चिप इकोसिस्टम का प्रमुख हिस्सा बन सकता है।
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
इंटेल के CEO लिप-बू टैन के अनुसार भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता कंप्यूटर बाजार बन रहा है—विशेषकर AI कंप्यूटर्स की मांग में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है।
वहीं, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के CEO रंधीर ठाकुर का कहना है कि साझेदारी से—
- उत्पादों की उपलब्धता तेजी से होगी
- लागत में कमी आएगी
- नई तकनीक भारतीय बाजार में जल्दी पहुंचेगी
इसका सीधा फायदा भारतीय उपभोक्ताओं को मिलने वाला है।
सेमीकंडक्टर मिशन को मिलेगी नई रफ़्तार
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स की भारी खपत होने के बावजूद चिप निर्माण की सुविधा अब तक विकसित नहीं हो सकी थी। सरकार ने इस अंतर को दूर करने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) शुरू किया, जिसके तहत अब तक 10 से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है।
टाटा–इंटेल डील से न केवल कंपनियों को फायदा होगा बल्कि देश के लिए भी यह मील का पत्थर साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया के टॉप–5 कंप्यूटर बाजारों में शामिल हो सकता है।
