
नई दिल्ली:
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के यात्रियों को पिछले कुछ दिनों से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑपरेशनल संकट के चलते एयरलाइन को पिछले सात दिनों में 400 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं। अब सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और एयरलाइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इंडिगो का संकट
इंडिगो की फ्लाइट्स रद्द होने का कारण कंपनी के क्रू रोस्टरिंग और आंतरिक प्लानिंग सिस्टम में आई गड़बड़ियों को बताया जा रहा है। नतीजतन, पिछले सात दिनों में 5,000 से अधिक फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा है और कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
इस मामले पर एविएशन मिनिस्टर के राम मोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी, ताकि यह दूसरी एयरलाइंस के लिए एक मिसाल बन सके। उन्होंने यह भी बताया कि सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CARs) के तहत यात्रियों को देरी और रद्दीकरण के कारण हुई परेशानियों का उचित मुआवजा दिया जाएगा।
तकनीकी समस्या पर जांच
नायडू ने बताया कि इंडिगो की समस्याओं का कारण सॉफ्टवेयर और सिस्टम से संबंधित गड़बड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की जांच की जा रही है, क्योंकि एयरलाइन इंडस्ट्री में लगातार टेक्नोलॉजी को उन्नत किया जा रहा है। उनका कहना था कि सरकार का लक्ष्य है कि भारत का एविएशन सेक्टर वैश्विक मानकों के बराबर हो और यात्रियों को सर्वोत्तम सेवाएं मिलें।
इंडिगो का बाजार पर असर
इंडिगो को इस संकट के कारण अब अपने बाजार में भी भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। पिछले हफ्ते से शुरू हुए इस संकट के बाद कंपनी के शेयर में 16% गिरावट आई है और मार्केट कैप में 37,000 करोड़ रुपये की कमी आई है।
निष्कर्ष
इंडिगो एयरलाइन को इस बड़े ऑपरेशनल संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ी है, बल्कि कंपनी की छवि पर भी असर पड़ा है। सरकार के सख्त रुख और मामले की जांच से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, और यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के मानक बढ़ाए जाएंगे।
