Saturday, December 6

पान मसाला उपकर: राजस्व से राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होगा, लोकसभा ने विधेयक पास किया

लोकसभा ने शुक्रवार को ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पारित कर दिया। इसके तहत पान मसाला बनाने वाली इकाइयों पर उपकर लगाया जाएगा और इससे प्राप्त धन का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान

वित्त मंत्री ने कहा कि यह कोई नई कर व्यवस्था नहीं है। पिछले समय से हानिकारक वस्तुओं पर उपकर लगाया जाता रहा है और अब इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए केंद्रित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आम लोगों की बुनियादी जरूरतों पर कोई कर नहीं लगाया जा रहा, केवल हानिकारक वस्तुओं पर ही उपकर लगेगा।

सीतारमण ने कहा, “आयकर सीमा बढ़ाकर लोगों के हाथ में एक लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त बचे हैं। अब आवश्यक है कि हानिकारक वस्तुओं पर उपकर लगाया जाए ताकि रक्षा और सड़क निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए संसाधन जुटाए जा सकें।”

उपकर और जीएसटी पर असर

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पान मसाला पर लगने वाली 40 प्रतिशत की जीएसटी बरकरार रहेगी। इस उपकर का उद्देश्य अतिरिक्त संसाधन जुटाना है, जिसे राज्यों के साथ भी साझा किया जाएगा। विधेयक का जीएसटी व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उपकर का इतिहास और उद्देश्य

2017 में जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लागू किया गया था। इसे 2026 तक बढ़ाया गया और अब यह नया विधेयक इसे बदल रहा है। इसके तहत हानिकारक वस्तुओं के निर्माण पर उपकर लगेगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक खर्च पूरे किए जा सकेंगे।

निष्कर्ष

इस विधेयक के पारित होने से न केवल हानिकारक वस्तुओं पर नियंत्रण कड़ा होगा, बल्कि इससे मिलने वाले संसाधन राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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