Monday, December 1

एक हार, मुसीबतें बेशुमार: राबड़ी देवी को 3 साल बाद 39, हार्डिंग रोड का आवास भी खाली करना पड़ सकता है

पटना/अशोक कुमार शर्मा: बिहार की राजनीति में हमेशा बदलाव का दौर चलता रहता है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजद की राह में लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब राबड़ी देवी की नई रिहायश 39, हार्डिंग रोड का भविष्य भी अनिश्चित नजर आ रहा है। अगर 2028 तक राजद के विधान परिषद में संख्या बल घटा, तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद और इसी पद के आधार पर मिला आवास भी छोड़ना पड़ सकता है।

नेता प्रतिपक्ष का पद और आवास खतरे में
अभी राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं। विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं और नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए दल के सदस्य कम से कम 9 होने चाहिए। वर्तमान में राजद के पास 15 सदस्य हैं। लेकिन जुलाई 2028 तक राजद के 10 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण केवल 5 सदस्य रह जाएंगे। अगर आगामी द्विवार्षिक चुनावों में राजद को एक भी सीट नहीं मिलती, तो राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना होगा और इसी के साथ उनका आवास भी खाली करना पड़ेगा।

राजद की घटती शक्ति और आगामी चुनौतियां
बिहार विधान परिषद की संरचना ऐसी है कि हर दो साल पर एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं। इसी कारण राबड़ी देवी को पहले भी दो बार नेता प्रतिपक्ष के पद से हटना पड़ा है—जून 2020 और अगस्त 2022 में। 2018 में पहली बार वे नेता प्रतिपक्ष बनीं, लेकिन राजद की घटती संख्या के कारण सिर्फ 2 साल 42 दिन ही इस पद पर रह सकीं।

आगामी चुनाव और राजद की स्थिति
विधान परिषद में 4 सदस्य 2025 में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, जबकि स्नातक कोटे की 4 सीटें नवम्बर 2026 में रिक्त होंगी। राजद की वर्तमान संख्या बल को देखते हुए इन चुनावों में पार्टी के लिए जीतना बेहद चुनौतीपूर्ण है। अगर संख्या बल बढ़ा नहीं, तो जुलाई 2028 में राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष और आवास दोनों खोना पड़ सकते हैं।

राजनीति की सच्चाई
राजनीति में कभी अर्श तो कभी फर्श का अनुभव होता है। राबड़ी देवी और लालू परिवार के लिए यह एक कष्टदायक दौर होगा, क्योंकि सत्ता और शानो-शौकत के अभ्यस्त इस परिवार को अब अपनी स्थिति बचाने के लिए रणनीति बदलनी पड़ेगी।

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