
बैतूल। जिले में नगर परिषद के दो कर्मचारियों की आत्महत्या की हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। मंगलवार शाम लापता हुई नगर परिषद की लिपिक रजनी डुंडेले (48) और जलप्रदाय विभाग में कार्यरत मिथुन (29) के शव बुधवार सुबह एक कुएं से बरामद किए गए। पुलिस को रजनी के घर से मिला सुसाइड नोट मामले को नया मोड़ देता है, जिसमें उन्होंने कार्यस्थल पर अफवाहों, चरित्र हनन और सहकर्मियों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों से परेशान होकर मानसिक तनाव में होने की बात लिखी है।
जानकारी के अनुसार रजनी विधवा थीं और मिथुन को अपने बेटे जैसा मानती थीं। दोनों एक ही कार्यालय में काम करते थे, जिसके चलते सहकर्मियों द्वारा उनके संबंधों को लेकर ताने और अपमानजनक टिप्पणियाँ की जाती थीं। सुसाइड नोट में रजनी ने लिखा है कि “जिसे मैंने बेटे जैसा माना, उसी रिश्ते पर लोग उंगली उठाते रहे। लगातार चरित्र पर सवाल उठाए जाने से अब जीना मुश्किल हो गया है।”
नोट में 4-5 लोगों के नाम भी दर्ज हैं, जिन पर अपमानजनक व्यवहार और अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इन लोगों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है।
घटना की रात रजनी ने अपना मोबाइल घर पर छोड़ दिया था, जबकि मिथुन मोबाइल साथ लेकर निकला। उसकी लोकेशन ट्रेस करने पर पुलिस बयावाड़ी गांव पहुंची, जहां खेत के पास दोनों की बाइक, चप्पलें और मोबाइल मिले। एसडीआरएफ की टीम ने तलाशी अभियान चलाया और बुधवार सुबह कुएं से दोनों के शव बरामद किए।
परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। रजनी के बेटे की जल्द शादी होने वाली थी, लेकिन इस घटना ने पूरे घर को शोक में डूबो दिया। क्षेत्र में भी इस घटना के बाद गहरी सनसनी और आक्रोश का माहौल है।
एसडीओपी सुनील लाटा ने बताया कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम लिखे हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। साथ ही कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है, ताकि घटनाक्रम की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
पुलिस मामले को संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ा रही है और कार्यस्थल पर मानसिक प्रताड़ना की दिशा में गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।