
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार अखिल भारतीय DGP-IGP सम्मेलन का आयोजन 28 से 30 नवंबर तक नवा रायपुर स्थित IIM परिसर में किया जा रहा है। इस सम्मेलन में नक्सलवाद के खात्मे को लेकर फाइनल रणनीति बनाई जाएगी। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे।
सम्मेलन का उद्देश्य और महत्व
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। खास तौर पर नक्सलवाद, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयास, ड्रग्स नियंत्रण और सीमा प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, बैठक में फोर्स के मूवमेंट और आगामी ऑपरेशन की योजना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य और बचे हुए टॉप नेताओं पर कार्रवाई की रणनीति तय की जाएगी।
बीते दो सालों में नक्सल प्रभावित इलाकों में हालात बदले
सुरक्षाबलों को बस्तर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में लगातार सफलता मिल रही है। केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन तय की है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस सम्मेलन में अंतिम रणनीति और ब्लूप्रिंट तैयार होगा।
सम्मेलन में कौन होंगे शामिल
देशभर के सभी राज्यों से करीब 70 DGP स्तर के अधिकारी, IG और उनके प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एजेंडा भेजा है, ताकि वे कानून व्यवस्था, सुरक्षा और नक्सलवाद पर अपनी तैयारी लेकर सम्मेलन में आएं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस बैठक में शामिल रहेंगे।
एजेंडा में क्या शामिल है
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा, नक्सलवाद, साइबर अपराध, घुसपैठ, आतंकवाद, तस्करी और आतंरिक सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर मंथन का एजेंडा भेजा है। सभी राज्य अपनी-अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे और आगामी रणनीति साझा करेंगे।
प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह एक महीने में दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर पहुंचे थे और राज्य की नई विधानसभा का लोकार्पण किया था। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कदमों की रूपरेखा तय करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
इस सम्मेलन को छत्तीसगढ़ और पूरे देश में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।