
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के दौरान कुल 23 मंत्रियों को शामिल किया गया। नई सरकार में नीतीश कुमार ने जातीय संतुलन और सोशल इंजीनियरिंग को प्राथमिकता देते हुए सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया है।
सवर्ण वर्ग: भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ को जगह
नीतीश मंत्रिमंडल में सवर्ण जातियों से कई महत्वपूर्ण चेहरे शामिल किए गए हैं:
- भूमिहार:
- विजय कुमार सिन्हा (भाजपा)
- विजय चौधरी (जदयू)
- राजपूत:
- लेशी सिंह (जदयू)
- संजय टाइगर (भाजपा)
- श्रेयशी सिंह (भाजपा)
- ब्राह्मण:
- मंगल पांडेय (भाजपा)
- कायस्थ:
- नितिन नवीन (भाजपा)
पिछड़ा वर्ग: यादव और कुशवाहा को प्रमुख स्थान
एनडीए सरकार में पिछड़े वर्ग, विशेषकर यादव और कुशवाहा समुदाय को प्रमुखता दी गई है:
- यादव:
- विजेंद्र यादव (जदयू)
- रामकृपाल यादव (भाजपा)
- कुशवाहा:
- सम्राट चौधरी (भाजपा)
- उमेश कुशवाहा (जदयू)
- दीपक प्रकाश (रालोमो)
- अति पिछड़ा वर्ग (EBC):
- रमा निषाद (भाजपा)
- शीला मंडल (जदयू)
दलित समाज: चार मंत्रियों को मिला स्थान
नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में दलित समाज से चार नेताओं को शामिल किया गया है:
- अशोक चौधरी (जदयू)
- कृष्ण कुमार ऋषि / लखेन्द्र पासवान (भाजपा)
- संतोष सुमन (हम)
कैबिनेट के गठन से साफ है कि नीतीश कुमार ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सभी वर्गों के बीच संतुलन साधने की कोशिश की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आगामी राजनीतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सोशल इंजीनियरिंग का मजबूत प्रयोग है।