
नई दिल्ली/कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के बहुचर्चित रेप-मर्डर मामले की सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा संकेत दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनना व्यावहारिक नहीं है। इसलिए इसे दिल्ली हाईकोर्ट या कलकत्ता हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने पर गंभीर विचार किया जा रहा है। दो जजों की बेंच ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट में इस केस से जुड़े कई याचिकाएँ पहले से लंबित हैं, इसलिए मामले को “टुकड़ों में” सुनना संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण बयान
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा—
“कलकत्ता हाईकोर्ट में इससे जुड़े कई मामले पहले से लंबित हैं। इसलिए इस मामले को अलग-अलग हिस्सों में सुनना उचित नहीं। इसे एक ही न्यायिक मंच पर सुना जाना चाहिए।”
कोर्ट ने जूनियर और सीनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व कर रहीं सीनियर एडवोकेट करूणा नंदी से कलकत्ता हाईकोर्ट में लंबित सभी मामलों की एक विस्तृत सूची (टेबल) प्रस्तुत करने को कहा है।
डॉक्टरों की सुरक्षा पर बहस
एडवोकेट करूणा नंदी ने कोर्ट में आरोप लगाया कि—
- विरोध करने वाले डॉक्टरों को पुलिस परेशान कर रही है
- बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है
- सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आदेश जारी करने का आग्रह किया।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि:
“हम डॉक्टरों के लिए ब्लैंकेट सुरक्षा आदेश जारी नहीं कर सकते। लेकिन अगली सुनवाई में इस पहलू पर पुनः विचार करेंगे।”
अदालत ने यह भी कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट स्थानीय परिस्थितियों और विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करने की बेहतर स्थिति में है।
अब सर्दियों की छुट्टियों के बाद होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि मामले पर अगली सुनवाई सर्दियों की छुट्टियों के बाद निर्धारित की जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि वह कई गंभीर मामलों से एक साथ जूझ रही है और इस केस को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
- घटना 9 अगस्त 2024 की है
- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव सेमिनार कक्ष से बरामद हुआ था
- अगले दिन आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया
- 20 जनवरी 2025 को ट्रायल कोर्ट ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई
- इसके बाद पश्चिम बंगाल में डॉक्टर संगठनों और आम जनता द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए
सुप्रीम कोर्ट ने इसी घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी।