
जबलपुर, 02 नवम्बर 2025 | संवाददाता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ‘मध्यप्रदेश@2047: विजन डॉक्युमेंट’ राज्य के विकास का ऐसा रोडमैप है, जो प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और नागरिक जीवन की गुणवत्ता को विश्वस्तरीय स्तर तक पहुँचाने का आधार बनेगा। उन्होंने बताया कि इस दृष्टिपत्र में वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही प्रति व्यक्ति आय 22 लाख रुपये, औसत आयु 84 वर्ष और साक्षरता दर 100 प्रतिशत तक पहुँचाने का संकल्प व्यक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के विज़न से प्रेरित यह डॉक्यूमेंट एक आत्मनिर्भर और विकसित मध्यप्रदेश की दिशा में निर्णायक कदम है। उन्होंने बताया कि कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के बीच संतुलन बनाकर प्रदेश को समृद्ध और रोजगारमूलक अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है।
जनभागीदारी से तैयार हुआ ‘समृद्ध मध्यप्रदेश@2047’ दृष्टिपत्र
यह विजन डॉक्युमेंट राज्य की अब तक की सबसे बड़ी जनभागीदारी प्रक्रिया का परिणाम है। इसमें चार लाख से अधिक नागरिकों, किसानों, विद्यार्थियों, उद्योगपतियों, विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों की सहभागिता रही। जनसंवाद, निबंध प्रतियोगिताएँ, उद्योग जगत से परामर्श, शैक्षणिक चर्चाएँ और फील्ड सर्वे के सुझावों को इसमें समाहित किया गया है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि “यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि नागरिकों की सामूहिक आकांक्षाओं और राज्य की दृष्टि का प्रतिबिंब है।”
चार मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित
‘समृद्ध मध्यप्रदेश@2047’ डॉक्युमेंट चार मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है—
- आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर फोकस
- क्षेत्रीय विविधता और स्थानीय विशिष्टताओं का समावेश
- ‘विकसित भारत@2047’ के राष्ट्रीय विजन में योगदान
- सहभागी एवं समावेशी दृष्टिकोण
इन सिद्धांतों ने इस दृष्टिपत्र को संतुलित, व्यवहारिक और भविष्य उन्मुख बनाया है।
छह प्रमुख विकास स्तंभ
यह रोडमैप छह प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है —
- अगली पीढ़ी की कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र
- सतत औद्योगिक विकास
- सेवा क्षेत्र का विस्तार
- शहरी एवं ग्रामीण आधारभूत संरचना का सुदृढ़ीकरण
- शिक्षा एवं कौशल विकास
- गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और पोषण सेवाएँ
इसके अतिरिक्त कुशल शासन व्यवस्था और नवाचार-आधारित निवेश प्रबंधन को भी प्रमुख रणनीति में शामिल किया गया है।
‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025’ : युवाओं के लिए नए अवसर
राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ घोषित किया है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं के लिए नए अवसर सृजित करना, औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करना और आत्मनिर्भरता की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाना है। इसके अंतर्गत स्टार्टअप प्रोत्साहन, कौशल प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
संस्कृति और आधुनिकता का संगम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “विकास केवल आर्थिक प्रगति नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक आत्मा और आध्यात्मिक पहचान को भी सशक्त बनाता है। नर्मदा जैसी जीवनदायिनी परंपरा और समृद्ध विरासत के साथ मध्यप्रदेश भारत की विकास यात्रा में अग्रणी भूमिका निभाएगा।”
सामूहिक प्रयासों से साकार होगा ‘समृद्ध मध्यप्रदेश’
मुख्यमंत्री ने नागरिकों, युवाओं, उद्योगपतियों और सामाजिक संगठनों से आह्वान किया कि वे इस दृष्टिपत्र को जन आंदोलन के रूप में अपनाएँ। उन्होंने कहा —
“यह विजन डॉक्युमेंट हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में पहला ठोस कदम है। सामूहिक प्रयासों से हम 2047 तक एक ऐसे मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगे जो आत्मनिर्भर, समृद्ध और विश्व में अग्रणी होगा।”