
लखनऊ/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने जहां एनडीए को दोबारा सत्ता की ओर बढ़ा दिया है, वहीं पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव पर इस्तीफे का दबाव अचानक बढ़ गया है। चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि महागठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा—कांग्रेस सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गई।
इसी बीच, AIMIM नेता और पार्टी प्रवक्ता असीम वकार ने पप्पू यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें तुरंत राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा—
“पप्पू यादव खुद कहते थे कि अमौर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जलील मस्तान जीतेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी वादा किया था कि अगर जलील मस्तान हार गए तो वो राजनीति से इस्तीफा दे देंगे। अब जब उम्मीदवार तीसरे नंबर पर आए हैं, तो पप्पू यादव मर्द हैं तो आज रात 9 बजे से पहले सांसदी से इस्तीफा दें।”
अमौर सीट पर बड़ा उलटफेर
सीमांचल क्षेत्र की अमौर सीट इस बार खास चर्चा में रही। यहां मुस्लिम वोटरों की भूमिका निर्णायक मानी जा रही थी। लेकिन सभी अंदाजों को पलटते हुए—
- AIMIM उम्मीदवार अख्तरुल इमान विजयी हुए
- जेडीयू के सबा जफर 38 हजार वोटों से हारे
- कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल जलील मस्तान मात्र 52 हजार वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे
इसी हार के बाद AIMIM नेता ने पप्पू यादव को उनके पुराने बयान की याद दिलाते हुए इस्तीफे की मांग उठा दी।
असीम वकार का कांग्रेस और विपक्ष पर बड़ा बयान
असीम वकार ने इस मौके पर विपक्षी दलों को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा—
“इस चुनाव में ना मुस्लिम लीडरशिप थी, ना नौजवानों की। कुछ लोग JNU के छात्र नेताओं के बल पर राजनीति कर रहे थे, और उनकी पूरी टीम छात्र नेता मानसिकता वाली थी। ऐसे नारे और ऐसी रणनीति से क्या परिणाम आना था, आज साफ हो गया।”
उन्होंने बीजेपी और जेडीयू को बहुमत मिलने पर शुभकामनाएँ भी दीं।
पप्पू यादव पर बढ़ा दबाव
अमौर सीट पर कांग्रेस की करारी हार और AIMIM की अप्रत्याशित जीत के बाद अब सवाल उठ रहा है कि क्या पप्पू यादव अपने మాట पर कायम रहेंगे?
AIMIM नेता की चुनौती के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और सभी की निगाहें पप्पू यादव की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं।