
नोएडा: मशहूर मूर्तिकार राम सुतार को 100 साल की उम्र में महाराष्ट्र भूषण 2024 पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस सम्मान को देने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद उनके घर नोएडा पहुंचे। इस खास अवसर पर उनके साथ डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और संस्कृति मंत्री आशीष सैलार भी मौजूद रहे।
राम सुतार ने कला की दुनिया में जो उत्कृष्ट योगदान दिया है, उसके लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह पुरस्कार राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसमें 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि और एक स्मृति चिह्न शामिल है।
राम सुतार का जीवन और योगदान
राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के गोंडूर गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने 1990 से नोएडा में अपना स्टूडियो स्थापित किया, और यहां रहकर उन्होंने भारतीय कला को वैश्विक पहचान दिलाई। इस साल फरवरी में उन्होंने 100 साल का जीवन पूरा किया, लेकिन अभी भी उनकी कला की पहचान दुनिया भर में कायम है।
उन्होंने महात्मा गांधी की 350 से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं, जिनमें से कई भारतीय सांसदों और विदेशों में स्थापित की गईं। इसके अलावा, राम सुतार ने अजंता-एलोरा की गुफाओं में प्राचीन मूर्तियों के जीर्णोद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की विशेषता
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला राज्य का सर्वोच्च सम्मान है, जो कला, साहित्य, विज्ञान, या समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1996 में हुई थी, और अब तक इसे लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर, रतन टाटा और अशोक सराफ जैसे महान हस्तियों को मिल चुका है।
राम सुतार की प्रसिद्ध मूर्तियां
राम सुतार के काम में कई उल्लेखनीय मूर्तियां शामिल हैं:
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति, जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है और गुजरात में स्थित है।
- महात्मा गांधी की प्रतिमा: यह प्रतिमा भारतीय संसद भवन सहित 450 शहरों में स्थापित की गई है।
- भगवान श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा: यह अयोध्या में बन रही है।
- भगवान शिव की 153 फीट ऊंची प्रतिमा: बेंगलुरु में स्थित।
- गांधी की प्रतिमा: पटना के गांधी मैदान में बच्चों के साथ स्थापित की गई।
सम्मान समारोह
इस विशेष सम्मान समारोह में राम सुतार के बेटे और मूर्तिकार अनिल सुतार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके पिता को उनके घर आकर सम्मानित किया। राम सुतार ने भी सम्मान ग्रहण करने के बाद सभी के प्रति आभार व्यक्त किया, विशेष रूप से महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल का धन्यवाद किया।
हालांकि, राम सुतार इन दिनों स्वास्थ्य कारणों से बिस्तर से उठने में असमर्थ हैं, लेकिन उनकी कला और योगदान के कारण उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ। उनके कार्यों ने न केवल भारतीय कला को नया आयाम दिया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति का परचम भी लहराया है।