Wednesday, December 31

मृत किसान की जमीन 9 बार बेची गई, एक्सपायर पावर ऑफ अटॉर्नी से हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

 

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने जमीन घोटाले का एक चौंकाने वाला मामला उजागर किया है। आरोप है कि एक मृत किसान की कृषि भूमि को उसकी मौत के बाद भी एक्सपायर पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए नौ बार बेच दिया गया। इस मामले में नेहरू नगर निवासी मनिराज सिंह और उसके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का प्रकरण दर्ज किया गया है।

 

यह कार्रवाई जावर तहसील के बरखेड़ी गांव निवासी योगेश कुशवाहा की शिकायत पर की गई, जिन्होंने 18 जून 2025 को EOW से इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत की थी।

 

2018 में बनी थी पावर ऑफ अटॉर्नी, 2022 में हुई किसान की मौत

 

EOW की जांच में सामने आया कि जावर तहसील के बरखेड़ा नाथू गांव स्थित कृषि भूमि के असली मालिक किसान अचला सिंह मेवाड़ा ने 18 दिसंबर 2018 को अपनी जमीन के एक हिस्से के लिए मनिराज सिंह के पक्ष में रजिस्टर्ड पावर ऑफ अटॉर्नी कराई थी। यह पावर ऑफ अटॉर्नी स्पष्ट रूप से किसान के जीवनकाल तक ही मान्य थी।

 

7 फरवरी 2022 को अचला सिंह मेवाड़ा का निधन हो गया। कानून के अनुसार, उनकी मृत्यु के साथ ही पावर ऑफ अटॉर्नी स्वतः निरस्त हो गई थी।

 

किसान की मौत छुपाकर जारी रखा जमीन का सौदा

 

जांच एजेंसी के अनुसार, पावर ऑफ अटॉर्नी धारक की कानूनी जिम्मेदारी थी कि वह किसान की मृत्यु की जानकारी रजिस्ट्रेशन कार्यालय को देता, लेकिन आरोपियों ने जानबूझकर यह तथ्य छुपाया। न तो रजिस्ट्रेशन विभाग को सूचना दी गई और न ही दस्तावेज के अमान्य होने के बावजूद उसका इस्तेमाल रोका गया।

 

फरवरी से दिसंबर 2022 के बीच नौ बार हुई जमीन की बिक्री

 

EOW ने खुलासा किया कि फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 के बीच आरोपियों ने जमीन को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर नौ अलग-अलग बिक्री विलेख (सेल डीड) निष्पादित किए। इस दौरान कई खरीदारों को गुमराह कर अवैध रूप से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया।

 

सरकारी रिकॉर्ड और दस्तावेजों से फर्जीवाड़े की पुष्टि

 

जांच में रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड, प्रॉपर्टी सॉफ्टवेयर डेटा, किसान का मृत्यु प्रमाण पत्र, बैंकिंग लेन-देन और संबंधित व्यक्तियों के बयान खंगाले गए। इन सभी साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि किसान की मौत के बाद भी सुनियोजित तरीके से पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग किया गया।

 

EOW की सख्त कार्रवाई

 

प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर EOW ने मनिराज सिंह सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। एजेंसी अब इस बात की भी जांच कर रही है कि इस पूरे खेल में किसी सरकारी कर्मचारी की भूमिका तो नहीं रही।

 

 

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