
लखनऊ। यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में कोर्स को-ऑर्डिनेटरों की नियुक्ति प्रक्रिया में मिली बड़ी अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाया है। उनके निर्देश पर गोमती नगर थाना में नियमों का उल्लंघन कर नियुक्तियां कराने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी Avni Paridhi Energy & Communication Pvt. Ltd. और संबंधित अभ्यर्थियों के खिलाफ षड्यंत्र, फर्जी दस्तावेज और नियम विरुद्ध नियुक्ति के आरोपों में एफआईआर दर्ज कर दी गई है। साथ ही पूरे प्रकरण की प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
उत्पन्न हुई अनियमितताएं
मंत्री असीम अरुण ने बताया कि 29 अक्टूबर को प्रदेशभर के कोचिंग संस्थानों में कोर्स को-ऑर्डिनेटरों की नियुक्तियों में अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। जांच में पाया गया कि नियमानुसार इस पद के लिए यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य था। इसके बावजूद आउटसोर्सिंग एजेंसी ने कई ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्त कर दिया जिन्होंने यह परीक्षा पास नहीं की थी।
केवल 21 अभ्यर्थी ही पाए गए पात्र
कुल 69 अभ्यर्थियों की जांच में केवल 21 ही पात्र पाए गए। अपात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने के लिए फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों का भी सहारा लिया गया। आउटसोर्सिंग कंपनी को दोषी पाया गया है।
अधिकारियों की भूमिका की जांच
मंत्री असीम अरुण ने निर्देश दिए हैं कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी दस्तावेज़ सत्यापन की थी, उनकी भूमिका और लापरवाही की प्रशासनिक जांच कराई जाएगी। भविष्य में सभी आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में पुलिस और दस्तावेज़ सत्यापन अनिवार्य होगा। साथ ही वर्तमान में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का भी सत्यापन कराया जाएगा।
यह कदम समाज कल्याण विभाग में पारदर्शिता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।