Wednesday, December 31

AI से बने फर्जी टिकटों पर सेंट्रल रेलवे की सख़्त कार्रवा मुंबई लोकल में नकली टिकट पकड़ने के लिए लॉन्च हुआ खास TTE ऐप

 

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मुंबई लोकल ट्रेनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाए जा रहे नकली टिकट और पास के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिवीजन ने बड़ा कदम उठाया है। रेलवे ने टिकट जांच कर्मचारियों (TTE) के लिए एक विशेष AI-सपोर्टेड मोबाइल ऐप और एक डिटेल्ड गाइडबुक तैयार की है, जिससे फर्जी टिकट और पास की पहचान अब कहीं अधिक आसान और तेज़ हो गई है।

 

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एसी लोकल, सामान्य लोकल की फर्स्ट क्लास और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में नकली टिकट और पास का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा था। जांच में सामने आया है कि कई यात्री AI और आधुनिक ग्राफिक डिज़ाइन टूल्स की मदद से बेहद असली जैसे दिखने वाले टिकट और पास तैयार कर रहे हैं।

 

 

एक क्लिक में खुलेगा टिकट का पूरा रिकॉर्ड

 

नए TTE ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें टिकट या पास नंबर डालते ही उसकी वैधता की तुरंत जांच की जा सकती है।

ऑनलाइन टिकटों के QR कोड स्कैन करते ही यात्री का नाम, यात्रा विवरण, तारीख, क्लास और भुगतान की स्थिति जैसी पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाती है।

ऐप में फर्जी और असली टिकटों के बीच अंतर पहचानने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश भी दिए गए हैं।

 

 

AI से बन रहे थे बड़े पैमाने पर फर्जी टिकट

 

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अब तक दर्ज हुए मामले तो केवल शुरुआत हैं। वास्तव में AI की मदद से बड़े पैमाने पर नकली टिकट और पास बनाकर यात्रा की जा रही थी, जिससे रेलवे को भारी राजस्व नुकसान हो रहा था और ईमानदार यात्रियों के साथ अन्याय हो रहा था।

 

 

सात यात्रियों पर दर्ज हुआ केस

 

नकली टिकट और पास के मामलों में 15 नवंबर, 26 नवंबर, 28 नवंबर, 5 दिसंबर और 25 दिसंबर को कार्रवाई की गई।

इन तारीखों में जनरल लोकल, एसी लोकल और फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहे कुल सात यात्रियों के खिलाफ अलग-अलग रेलवे पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज किया गया।

28 नवंबर को अकेले तीन यात्रियों को पकड़ा गया, जबकि अन्य तिथियों पर एक-एक आरोपी सामने आया।

 

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