
नई दिल्ली: नए साल के जश्न से ठीक पहले दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में गिग वर्कर्स हड़ताल पर जा सकते हैं। इससे फूड और ई-कॉमर्स से जुड़ी होम डिलीवरी प्रभावित हो सकती है और लोगों का उत्सव फीका पड़ सकता है।
वर्कर्स का कहना है कि उन्हें काम के हिसाब से उचित वेतन नहीं मिलता, जबकि कंपनियां मोटी कमाई कर रही हैं। 25 दिसंबर को भी गुड़गांव में गिग वर्कर्स ने हड़ताल की थी, जिससे डिलीवरी सेवाओं में देरी हुई थी।
हड़ताल का असर:
फूड और ई-कॉमर्स डिलीवरी में गिग वर्कर्स अहम भूमिका निभाते हैं। यदि हड़ताल होती है, तो बड़े इलाकों में रहने वाले लोग रोजमर्रा की जरूरतों और खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलीवरी नहीं पा सकेंगे। गुड़गांव और गौतमबुद्ध नगर की बड़ी सोसायटियों में इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
मांगें और वजहें:
इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स और तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन ने नौकरी की सुरक्षा, बेहतर सैलरी, सुरक्षित काम करने की स्थिति और सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स की मांग को लेकर 25 और 31 दिसंबर को हड़ताल का आह्वान किया था। क्रिसमस पर हुई हड़ताल में लगभग 40,000 राइडर्स ने भाग लिया था, जिससे 50-60% ऑर्डर में देरी हुई थी।
बिजनेस पर प्रभाव:
करीब 100,000 से 150,000 राइडर्स हड़ताल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। नए साल की रात कंपनियों के लिए सबसे बिजी दिनों में से एक होती है। ऐसे में फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि Zomato, Swiggy, Instamart, Blinkit, Zepto, Flipkart Minutes और Amazon Now ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
हड़ताल की संभावना ने रेस्टोरेंट संचालकों और ग्राहकों दोनों की चिंता बढ़ा दी है। साल के आखिरी दिन ऑर्डर अधिक आते हैं, और यदि सेवाएं बाधित होती हैं तो लोगों के नए साल का जश्न भी प्रभावित हो सकता है।