
नई दिल्ली: कई बार ऐसा होता है कि फोन का चार्जर घर पर नहीं मिलता या खो जाता है। ऐसे में लोग सोचते हैं, क्या लैपटॉप का USB-C चार्जर फोन चार्ज करने के काम आएगा? जवाब है – हां, लेकिन इसके लिए कुछ खास सावधानियां जरूरी हैं।
PD तकनीक हो तभी चार्ज करें
लैपटॉप का USB-C चार्जर तभी सुरक्षित है जब उसमें USB-C PD (Power Delivery) तकनीक हो। यह तकनीक चार्जर और फोन के बीच संवाद करती है। फोन चार्जर को बताता है कि उसे कितनी पावर चाहिए। जैसे फोन को 20 वॉट चाहिए, तो चार्जर उतनी ही पावर देता है।
अगर चार्जर में PD तकनीक नहीं है, तो ज्यादा पावर जाने से बैटरी को नुकसान हो सकता है। ज्यादातर नए लैपटॉप चार्जर में PD मौजूद होता है।
PD सपोर्ट कैसे जांचें?
चार्जर पर PD का लोगो देखें।
अगर नहीं दिखे, तो चार्जर के पीछे लिखी स्पेसिफिकेशन चेक करें। वहां वोल्टेज जैसे 5V, 9V, 15V या 20V लिखा हो तो समझें PD सपोर्ट है।
लैपटॉप चार्जर से फोन चार्ज करने के फायदे
- एक ही चार्जर दोनों के लिए: अलग चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं।
- तेज़ चार्जिंग: लैपटॉप चार्जर ज्यादा पावर देता है। अगर आपका फोन 65W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करता है, लेकिन फोन चार्जर केवल 45W का है, तो लैपटॉप चार्जर से फोन तेज़ चार्ज होगा, जिससे समय की बचत होती है।
सावधानियां
हमेशा अच्छे ब्रांड का चार्जर चुनें।
PD सपोर्ट चेक करना न भूलें।
इस तरह से चार्ज करना सुविधाजनक और सुरक्षित है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सही चार्जर और PD तकनीक के साथ लैपटॉप चार्जर से फोन चार्ज करना सुरक्षित और तेज़ तरीका है।