Thursday, December 25

मेरठ में कानून का रक्षक बना सड़क का खतरा: बीच हाइवे कार खड़ी कर सोता मिला वर्दीधारी सिपाही, कई वाहन आपस में टकराए

 

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मेरठ।

घने कोहरे में जहां आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की जाती है, वहीं मेरठ में सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाला एक वर्दीधारी सिपाही खुद ही हादसों की वजह बन गया। बुलंदशहर हाईवे पर मंगलवार देर रात एक पुलिसकर्मी नशे की हालत में अपनी कार हाइवे के बीच खड़ी कर उसमें सोता मिला, जिससे एक के बाद एक कई वाहन टकरा गए और सड़क पर अफरा-तफरी मच गई।

 

कोहरे में दिखी नहीं खड़ी कार, हादसों की लगी झड़ी

 

यह घटना परतापुर थाना क्षेत्र के खरखौदा बाईपास की बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 12 बजे कोहरा इतना घना था कि कुछ मीटर आगे देख पाना मुश्किल हो गया था। इसी दौरान हापुड़ से लौट रहे टैक्सी चालक राकेश कुमार की कार अचानक सड़क के बीच खड़ी एक कार से जा टकराई।

 

टक्कर के बाद जब राकेश संभले और चारों ओर देखा, तो चौंकाने वाला दृश्य सामने आया—

पहले से ही कई वाहन उसी खड़ी कार से टकराकर क्षतिग्रस्त हालत में खड़े थे।

 

कार के अंदर वर्दी में सो रहा था सिपाही

 

जब राहगीरों और चालकों ने खड़ी कार के अंदर झांककर देखा, तो पाया कि एक पुलिसकर्मी वर्दी में बैठा गहरी नींद में सो रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि वह शराब के नशे में धुत था।

 

लोगों ने जब उसे जगाकर सवाल किया कि उसने हाइवे के बीच कार क्यों खड़ी की, तो सिपाही ने गलती मानने के बजाय वर्दी का रौब दिखाया और अभद्र भाषा में उलझ गया। इससे मौके पर तनाव और बढ़ गया और कुछ देर के लिए हाइवे पर जाम जैसे हालात बन गए।

 

सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस, वीडियो हुआ वायरल

 

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस कंट्रोल रूम से टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने हालात काबू में लेते हुए:

 

क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटवाया

दो गाड़ियों को कब्जे में लेकर थाने भिजवाया

 

हालांकि, तब तक किसी राहगीर द्वारा घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया गया था, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

 

क्या बोले सीओ किठौर

 

इस मामले में सीओ किठौर प्रमोद सिंह ने बताया कि उन्हें पहले घटना की जानकारी नहीं थी, लेकिन वायरल वीडियो सामने आने के बाद संबंधित पुलिसकर्मी की पहचान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

सवाल जो अब उठ रहे हैं

 

यह घटना न सिर्फ लापरवाही का मामला है, बल्कि खाकी की साख और सड़क सुरक्षा दोनों पर चोट है।

सबसे बड़ा सवाल यही है—

अगर कानून का रक्षक ही नियम तोड़े, तो आम राहगीर किससे सुरक्षा की उम्मीद करे?

 

 

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