
नई दिल्ली: आजकल युवा अक्सर उलझन में रहते हैं—अपनी पहली नौकरी कब से शुरू करें? स्कूल खत्म होते ही काम में लग जाएँ या ग्रेजुएशन और आगे की पढ़ाई पर ध्यान दें? नौकरी जल्दी शुरू करना फायदे और नुकसान दोनों लेकर आता है। कई स्टडी रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सही समय और तैयारी दोनों मायने रखते हैं।
Gen-Z क्या सोचती है?
मल्टीनेशनल कंपनी डेलॉयट की स्टडी बताती है कि दुनियाभर में 53% युवा अपने पहले जॉब के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे। भारत में 26% Gen-Z स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ नौकरी भी कर रहे थे। इससे स्पष्ट होता है कि नई पीढ़ी कम उम्र में ही लेबर मार्केट में एंटर कर रही है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट क्या कहती है?
जून 2025 में आई वर्ल्ड बैंक ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में दिखाया गया कि जल्दी, कम स्किल वाली नौकरी में शामिल होने वाले युवा अक्सर लंबे समय में अटके करियर का सामना करते हैं। जबकि शिक्षा की मजबूत नींव भविष्य में तरक्की के दरवाजे खोलती है।
जल्दी सफलता की कीमत
अप्रैल 2025 में आए पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के अनुसार, पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब करने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जल्दी कमाई का दबाव उत्साहजनक लग सकता है, लेकिन इसके पीछे क्लासेस छूटना, नींद न पूरी होना और दूसरों से तुलना जैसी समस्याएं भी होती हैं।
माता-पिता की उम्मीदें
Pew रिसर्च स्टडी (मार्च 2025) बताती है कि भारतीय परिवारों में मान्यता है कि बच्चों को जल्दी नौकरी शुरू कर लेनी चाहिए। माता-पिता चाहते हैं कि बच्चों का रेज्यूमे ग्रेजुएशन से पहले ही मजबूत बने, इंटर्नशिप, सर्टिफिकेशंस और लीडरशिप रोल शामिल हों।
एक्सपर्ट का सुझाव
IIM लखनऊ के फाउंडर और HR एक्सपर्ट अंकुर अग्रवाल कहते हैं कि नौकरी शुरू करने की कोई “सटीक उम्र” नहीं होती, लेकिन तैयारी जरूरी है। फुल-टाइम जॉब तभी लें जब आप मानसिक और पेशेवर रूप से तैयार हों, न कि दबाव या जल्दी पैसे कमाने की वजह से।
टिप्स:
- प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और छोटे प्रोजेक्ट करें।
- इंटर्नशिप से अनुशासन, आत्मविश्वास और समय प्रबंधन सीखें।
- पढ़ाई के साथ समझदारी से एक्सपीरियंस हासिल करें।
निष्कर्ष: जल्दी, कम उम्र में फुल-टाइम नौकरी शुरू करना नुकसानदेह हो सकता है। पहली नौकरी सिर्फ कमाई का जरिया नहीं, बल्कि करियर बनाने की तैयारी का समय भी होती है।