
पटना। राजधानी पटना में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव और जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला मजिस्ट्रेट डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में शहर के यातायात प्रबंधन को पूरी तरह दुरुस्त करने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में ऑटो और ई-रिक्शा यूनियनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए, जिनकी सहमति से नई रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
शहर में वन-वे सिस्टम लागू करने की तैयारी
नई योजना के तहत सबसे पहले राजधानी में उन सड़कों की पहचान की जाएगी जिन्हें एक-तरफ़ा (वन-वे) बनाया जा सकता है।
ट्रैफिक पुलिस जल्द ही एक विस्तृत सर्वे रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी, जिसमें—
- प्रस्तावित वन-वे मार्गों की सूची,
- ट्रैफिक फ्लो का विश्लेषण
- और वैकल्पिक रास्तों का सुझाव शामिल होगा।
वन-वे सिस्टम लागू होने के बाद शहर के जाम वाले हॉटस्पॉट क्षेत्रों में भारी राहत मिलने की उम्मीद है।
कई जगह नए ज़ेब्रा क्रॉसिंग, अनधिकृत कट होंगे सील
पैदल यात्रियों की सुरक्षा और सड़क पर अनुशासन बढ़ाने के लिए शहर में उन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है जहाँ—
- फुटफॉल अधिक है,
- लेकिन ज़ेब्रा क्रॉसिंग मौजूद नहीं हैं।
ट्रैफिक पुलिस जल्द ही इन जगहों पर नए ज़ेब्रा क्रॉसिंग स्थापित करेगी।
इसके साथ ही अनधिकृत और अनावश्यक सड़क कटों को बंद करने की सिफारिश नगर निगम और परिवहन विभाग को भेजी जाएगी ताकि मुख्य सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो सके।
ऑटो और ई-रिक्शा के लिए तीन रंगीन ज़ोन: नया ट्रैफिक मॉडल लागू
पटना में अनियमित ऑटो और ई-रिक्शा आवाजाही को जाम का बड़ा कारण माना जाता रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने शहर को तीन रंग-कोडित ज़ोन — पीला, हरा और नीला — में विभाजित किया है।
कौन-कौन से हैं ये ज़ोन?
1. पीला ज़ोन (Yellow Zone) — 10 रूट
इसमें शामिल होंगे:
सगुना मोड़, दीघा, गांधी मैदान, मल्टीलेवल पार्किंग, दानापुर आदि क्षेत्र।
2. हरा ज़ोन (Green Zone) — 10 रूट
कारगिल चौक, गांधी मैदान, टाटा पार्क, गयाघाट जैसे व्यस्त इलाके इस ज़ोन में आएंगे।
3. नीला ज़ोन (Blue Zone) — 6 रूट
अनीसाबाद गोलंबर, फुलवारीशरीफ, PTS, पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, पुनपुन आदि बाहरी इलाके शामिल होंगे।
रंग-कोडिंग से नियंत्रित होगी आवाजाही
हर ऑटो और ई-रिक्शा को उसके ज़ोन के अनुसार रंग-चिह्नित किया जाएगा।
इससे—
- मनमाने रूट पर संचालन रुकेगा,
- रूट-वाइज ट्रैफिक नियंत्रण आसान होगा,
- और शहर में सार्वजनिक परिवहन अधिक व्यवस्थित होगा।
साथ ही, नियम तोड़ने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
22,065 में से 18,181 वाहनों को ही मिलेगा अनुमति
नई प्रणाली के तहत 26 निर्धारित रूट बनाए गए हैं।
पटना में पंजीकृत 22,065 ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा में से—
- 18,181 वाहनों को नियमबद्ध रूट पर चलने की अनुमति,
- 10% वाहन रिज़र्व,
- और 10% प्रशासनिक उपयोग के लिए रखे जाएंगे।
जाम-मुक्त पटना की ओर कदम
जिला प्रशासन का मानना है कि तीन रंगीन ज़ोन, एक-तरफ़ा सड़कें, ज़ेब्रा क्रॉसिंग और सड़क कटों पर नियंत्रण—
इन सभी उपायों के लागू होने से पटना में ट्रैफिक जाम में उल्लेखनीय कमी आएगी और सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी।