Wednesday, December 3

Politics

महाराष्ट्र: वोटिंग से पहले अजित पवार का यू-टर्न, बोले- मुख्यमंत्री ही मेरे सबसे बड़े बॉस
Maharashtra, Politics, State

महाराष्ट्र: वोटिंग से पहले अजित पवार का यू-टर्न, बोले- मुख्यमंत्री ही मेरे सबसे बड़े बॉस

मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण की वोटिंग से पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने विवादित बयान से पलटवार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार के दौरान ‘फंड’ से संबंधित जो बातें उन्होंने कही थीं, वह गुस्से में निकल गई थीं। यू-टर्न के पीछे वजहअजित पवार ने कहा,"मुख्यमंत्री ही सबसे बड़े पदाधिकारी हैं। मेरे ऊपर कोई नहीं। मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया गया। महायुति सरकार में कोई मतभेद नहीं है और विकास सबके लिए है, वोट मिले या न मिले।" विवादित बयानकुछ दिन पहले चुनावी सभाओं में अजित पवार ने कहा था, "वोट नहीं तो फंड नहीं" और "राज्य का खजाना मेरे पास मुख्यमंत्री से ज्यादा है।" इस बयान पर विपक्ष ने हंगामा मचाया था। अजित पवार के चाचा शरद पवार से लेकर सुप्रिया सुले तक ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि यह मतदाताओं को डराने-धमकाने वाला बयान है। चुनाव प्रक्रिया पर ...
कफ सिरप से बच्चों की मौत: कांग्रेस ने विधानसभा में किया ‘पूतना’ प्रदर्शन
Madhya Pradesh, Politics, State

कफ सिरप से बच्चों की मौत: कांग्रेस ने विधानसभा में किया ‘पूतना’ प्रदर्शन

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कांग्रेसी विधायकों ने कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत और सरकार की असंवेदनशीलता के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में विधायकों ने बच्चों के प्रतीकात्मक पुतले लेकर और एक महिला विधायक द्वारा 'पूतना' का रूप धारण कर भाजपा सरकार की लापरवाही को उजागर किया। असंवेदनशील है सरकारकांग्रेस का आरोप है कि सरकार बच्चों के प्रति संवेदनशील नहीं है। छिंदवाड़ा में कई बच्चों की मौत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी तय नहीं की जा रही है। अस्पतालों में अव्यवस्था का आलम यह है कि बच्चों को चूहे तक कुतर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर चर्चा करने और जवाब देने से बच रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा,"सरकार बच्चों के मामले में भी संवेदनशील नहीं है। छिंदवाड़ा में कई परिवारों के घरों के चिराग हमेशा के लिए बुझ गए, माताओ...
“यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए” – पीएम मोदी ने शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को सुनाई खरी-खरी
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“यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए” – पीएम मोदी ने शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को सुनाई खरी-खरी

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, जिसमें सरकार 13 अहम बिल पेश करेगी। इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर से राष्ट्र के नाम संबोधन में विपक्ष को दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि “ड्रामा और नारेबाजी के लिए बहुत जगह है, लेकिन सदन में ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए।” पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दल पराजय भी नहीं पचा पाते। उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि वे पराजय की निराशा को सदन में नहीं ले आएं और विजय के अहंकार में भी फंसें नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि सत्र का ध्यान देश की प्रगति, नीति निर्माण और विकास पर होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने बिहार चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग और माताओं-बहनों की बढ़ती भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र की मजबूती और अर्थव्यवस्था की प्रगति पूरी दुनिया देख रही है। उन्होंने कहा, “भारत ने सिद्ध कर दिया है कि ...
शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने विपक्ष को दी चेतावनी, 10 बड़ी बातें
Natioanal, Politics

शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने विपक्ष को दी चेतावनी, 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को दो टूक चेतावनी दी और कहा कि सत्र में “ड्रामा नहीं, डिलीवरी” होनी चाहिए। पीएम मोदी ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे पराजय की बौखलाहट को सदन का मैदान न बनाएं और विजय के अहंकार में भी फंसें नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दल पराजय नहीं पचा पाते और सत्र में अपने गुस्से को निकालने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा, “जो हाउस का इस्तेमाल अपनी राज्य राजनीति के लिए करते हैं, उन्हें अपनी रणनीति बदलनी चाहिए। मैं उन्हें सुझाव देने के लिए तैयार हूं कि कैसे प्रभावी ढंग से प्रदर्शन किया जा सकता है।” सत्र को लेकर पीएम मोदी की 10 प्रमुख बातें इस प्रकार हैं: ड्रामा नहीं, डिलीवरी: संसद में नारेबाजी या प्रदर्शन का समय बाहर है, यहां नीति और परिणाम पर ध्यान देना चाहिए। पराजय क...
पीएम मोदी के ‘ड्रामा’ बयान पर प्रियंका गांधी का पलटवार: “मुद्दों पर बोलना ड्रामा नहीं”
Natioanal, Politics

पीएम मोदी के ‘ड्रामा’ बयान पर प्रियंका गांधी का पलटवार: “मुद्दों पर बोलना ड्रामा नहीं”

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामे के बीच हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को चेतावनी दी कि सदन में “ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए”। इस बयान पर कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पलटवार किया है। प्रियंका गांधी ने कहा, “मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है चर्चा न होने देना। चुनावी स्थिति, SIR और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा करना संसद का मूल उद्देश्य है।” प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि संसद परिसर में ड्रामा करने की जगह बाहर है, लेकिन सदन में हंगामे की कोई जगह नहीं। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि सत्र को सुचारू और गरिमामय तरीके से चलाने में सहयोग दें। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का संसद सत्र की शुरुआत से पहले बयान देना केवल पाखंड है। पार्टी मह...
BLO की बढ़ती आत्महत्या: SIR के बोझ तले दम तोड़ते बूथ स्तर के कर्मचारी
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BLO की बढ़ती आत्महत्या: SIR के बोझ तले दम तोड़ते बूथ स्तर के कर्मचारी

नई दिल्ली: देश के अलग-अलग राज्यों में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) के दौरान कई बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की आत्महत्याओं के मामले सामने आ चुके हैं। सवाल उठता है कि आखिर BLO अपने जीवन के साथ इतना जोखिम क्यों उठा रहे हैं? तनाव और दबाव: BLO के सामने काम का बोझ असहनीय है। गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से कई मौतों की खबरें आई हैं। कम समय में भारी कार्य, समय पर काम पूरा न होने का डर, वरिष्ठ अधिकारियों का दबाव और पोर्टल के तकनीकी दिक्कतें—इन सबने BLO के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है। सिस्टम की कठोरता: कई BLO पर FIR दर्ज, कुछ को निलंबित किया गया और कुछ इस्तीफा देने को मजबूर हुए। सिस्टम की यह कठोरता उनके लिए अतिरिक्त मानसिक दबाव बन गई है। अतिरिक्त जिम्मेदारी: BLO अपने नियमित कार्यों के साथ ही SIR के लिए भी जिम्मेदार हैं। हर BLO ...
संसद के शीतकालीन सत्र में पीएम मोदी ने किया सभापति सीपी राधाकृष्णन का जोरदार स्वागत
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संसद के शीतकालीन सत्र में पीएम मोदी ने किया सभापति सीपी राधाकृष्णन का जोरदार स्वागत

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत करते हुए उनके जीवन और समाज सेवा के योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि राधाकृष्णन जी किसान परिवार से आते हैं और उनका जीवन समाज सेवा और अंत्योदय की भावना से भरा हुआ है। उन्होंने सभापति के काशी दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि वहां मां गंगा की पूजा के बाद राधाकृष्णन ने नॉनवेज त्यागने का संकल्प लिया, जो उनके सात्विक जीवन दर्शन का प्रतीक है। साथ ही पीएम मोदी ने राधाकृष्णन के जीवन की दो बड़ी घटनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि मंदिर के तालाब में डूबने की संभावनाओं के बावजूद उन्होंने ईश्वर की सहायता से बचकर समाज सेवा को अपनाया। इसके अलावा कोयंबटूर में लाल कृष्ण आडवाणी की यात्रा से पहले हुए बम धमाके में भी राधाकृष...
मेरठ की पॉश कॉलोनियों में SIR का बुरा हाल! अफसर घंटी बजाते रहे, चौकीदार बोले- साहब आराम कर रहे
Politics, State, Uttar Pradesh

मेरठ की पॉश कॉलोनियों में SIR का बुरा हाल! अफसर घंटी बजाते रहे, चौकीदार बोले- साहब आराम कर रहे

मेरठ: साकेत और डिफेंस कॉलोनियों में चल रहे विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान प्रशासन को ऐसी लापरवाही का सामना करना पड़ा, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। मतदाता सूची अपडेट करने के लिए अधिकारी घर-घर गणना प्रपत्र जमा कराने पहुंचे, लेकिन बड़े-बड़े घरों के दरवाजे बंद मिले। चौकीदारों ने साफ कह दिया कि मालिक उपलब्ध नहीं हैं और आराम कर रहे हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार और अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट खुद जाकर घंटी बजाते रहे और आवाज लगाते रहे, लेकिन अधिकांश घरों के दरवाजे नहीं खुले। मुश्किल से कुछ ही घरों में गेट खोला गया, लेकिन वहां भी चौकीदारों ने ही बातचीत की। 50% प्रपत्र अधर में, समय सिर्फ पांच दिनमेरठ की सात विधानसभा सीटों के 27 लाख मतदाताओं में से अब तक केवल 50% लोगों ने अपना गणना प्रपत्र जमा किया है। यह काम 4 नवंबर से चल रहा है और 4 दिसंबर तक स...
असम हिंसा की सच्चाई 41 साल बाद खुली: कांग्रेस ने दबाई थी तिवारी आयोग की रिपोर्ट
Assam, Politics, State

असम हिंसा की सच्चाई 41 साल बाद खुली: कांग्रेस ने दबाई थी तिवारी आयोग की रिपोर्ट

गुवाहाटी। असम में जमीन और पहचान को लेकर बनाई गई एक विवादित रिपोर्ट 41 साल बाद सार्वजनिक हुई। यह रिपोर्ट त्रिभुवन प्रसाद तिवारी आयोग द्वारा जनवरी-अप्रैल 1983 में तैयार की गई थी और तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे दबाकर रखा था। रिपोर्ट में 1983 के नेल्ली नरसंहार और अन्य उपद्रवों की वास्तविक वजहों का खुलासा किया गया है। तिवारी आयोग की रिपोर्ट: क्या है सच? आयोग ने अवैध आव्रजन, भूमि कब्जा और असमिया पहचान को लेकर कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि 1983 के दंगे किसी एक धर्म, जाति या भाषाई समूह के खिलाफ नहीं थे। हिंसा का खामियाजा समाज के सभी वर्गों ने भुगता। भूमि विवाद और आर्थिक हित टकराव इन दंगों के प्रमुख कारण थे। अवैध अप्रवासियों द्वारा भूमि पर कब्जा असमिया लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या थी। पूर्व न्यायाधीश तिवारी ने यह भी लिखा कि 1979 के बाद अतिक्रमण क...
यूपी में SIR की जमीनी हकीकत: वोटर लिस्ट अपडेट की सुस्त रफ्तार और चुनौतियों का पहाड़ मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के BLO की रिपोर्ट ने खोली कई खामियां
Politics, State, Uttar Pradesh

यूपी में SIR की जमीनी हकीकत: वोटर लिस्ट अपडेट की सुस्त रफ्तार और चुनौतियों का पहाड़ मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के BLO की रिपोर्ट ने खोली कई खामियां

मेरठ/मुजफ्फरनगर/सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान तेज़ी से चल रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बिल्कुल अलग तस्वीर दिखा रहे हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के BLO की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वोटर लिस्ट अपडेट का काम कई बाधाओं के कारण बेहद धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। लोगों की उदासीनता, सुरक्षा की समस्या और कम साक्षरता अभियान को खासा प्रभावित कर रही है। मेरठ: बदले माहौल में BLO की कठिन ड्यूटी ढोलकी मोहल्ला – लोग शिफ्ट, घर खाली, परिवार गायब BLO यशपाल सिंह का अनुभव बताता है कि ढोलकी मोहल्ला अब पहले जैसा नहीं रहा।अधिकतर लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। घरों पर दस्तक देने पर लोग मिलते ही नहीं।कई फॉर्म नाम और पते से मैच नहीं हो पा रहे, जिससे संशोधन कार्य बार-बार अटक रहा है। सदर दाल मंडी – फॉर्म लेकर गायब लोग, शादीशुदा युवतियों के रिकॉर्ड में मुश्कि...