Monday, December 1

यूपी में SIR की जमीनी हकीकत: वोटर लिस्ट अपडेट की सुस्त रफ्तार और चुनौतियों का पहाड़ मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के BLO की रिपोर्ट ने खोली कई खामियां

मेरठ/मुजफ्फरनगर/सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान तेज़ी से चल रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बिल्कुल अलग तस्वीर दिखा रहे हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के BLO की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वोटर लिस्ट अपडेट का काम कई बाधाओं के कारण बेहद धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। लोगों की उदासीनता, सुरक्षा की समस्या और कम साक्षरता अभियान को खासा प्रभावित कर रही है।

मेरठ: बदले माहौल में BLO की कठिन ड्यूटी

ढोलकी मोहल्ला – लोग शिफ्ट, घर खाली, परिवार गायब

BLO यशपाल सिंह का अनुभव बताता है कि ढोलकी मोहल्ला अब पहले जैसा नहीं रहा।
अधिकतर लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। घरों पर दस्तक देने पर लोग मिलते ही नहीं।
कई फॉर्म नाम और पते से मैच नहीं हो पा रहे, जिससे संशोधन कार्य बार-बार अटक रहा है।

सदर दाल मंडी – फॉर्म लेकर गायब लोग, शादीशुदा युवतियों के रिकॉर्ड में मुश्किल

BLO अनिल कुमार के अनुसार, सबसे बड़ी दिक्कत उन लोगों से है जो फॉर्म लेकर वापस ही नहीं कर रहे।
इसके अलावा शादी करके आईं युवतियों की वोटर डिटेल्स को उनके मूल जिलों और राज्यों से मैच करने में भारी परेशानी हो रही है।
संशोधन की यह प्रक्रिया समय और मेहनत दोनों खा रही है।

महिला BLO की व्यथा: असुरक्षा का डर और दोहरी जिम्मेदारी

कई महिला BLO ने साफ कहा कि कुछ इलाकों में अकेले घर-घर जाना असुरक्षित लगता है।
उन्हें पति, भाई या बेटे को साथ लेकर जाना पड़ रहा है।
एक BLO ने बताया कि उनके पति को इस काम में साथ जाने के लिए छुट्टी तक लेनी पड़ी।
इससे परिवार और फील्ड—दोनों जगह का काम प्रभावित हो रहा है।

मुजफ्फरनगर: मुस्लिम क्षेत्रों में तेजी, हिंदू क्षेत्रों में सुस्ती

यहां की स्थिति दिलचस्प है।
BLO के अनुसार, मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग फॉर्म अपडेट कराने को लेकर बेहद सक्रिय हैं।
वहीं हिंदू बहुल इलाकों में लोग उदासीन हैं, जिसके चलते वहां काम की गति बेहद धीमी है।

सहारनपुर: सरकारी दबाव भारी, जनता की seriousness कम

सहारनपुर के BLO बताते हैं कि सरकार की ओर से समय सीमा का भारी दबाव है।
लेकिन घरों में पहुंचने पर लोग टालमटोल करते हैं—
“कल आ जाना, शाम को आना, अभी व्यस्त हैं…”
इस तरह पूरा दिन निकल जाता है और प्रगति रुकी रहती है।

सबसे बड़ी चुनौती — कम साक्षरता

तीनों जिलों के BLO एक मुद्दे पर एकजुट हैं—
कम पढ़े-लिखे लोगों के कारण फॉर्म भरना बेहद समय लेने वाला काम बन चुका है।
जहां एक फॉर्म मिनटों में भर जाना चाहिए, वहीं कम साक्षरता वाले परिवारों में यह काम घंटे ले रहा है।
BLO को खुद फॉर्म भरना पड़ रहा है जिससे पूरा अभियान प्रभावित हो रहा है।

निष्कर्ष: समय सीमा कड़ी, हालात कमजोर

सरकार के सख्त निर्देशों और तय डेडलाइन के बावजूद, जमीनी तस्वीर साफ कहती है कि वोटर लिस्ट अपडेट का काम आसान नहीं है।
लोगों की लापरवाही, सुरक्षा संबंधी खतरे, फॉर्म वापस न आने की दिक्कत और कम साक्षरता ने BLO की जिम्मेदारी को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

तीनों जिलों की जमीनी रिपोर्ट यही संकेत देती है कि जब तक जनता सहयोग नहीं करेगी, SIR अभियान की रफ्तार और धीमी होती जाएगी।

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