Thursday, December 4

तंबाकू-सिगरेट पर एक्साइज से राज्यों को मिलेगा फायदा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया पूरा प्लान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी लगाने वाला बिल लोकसभा में पेश किया और इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह कोई नया टैक्स या सेस नहीं है, बल्कि मौजूदा एक्साइज ड्यूटी का राज्यों के साथ साझा करने का प्रावधान है।

मुख्य बातें

  • वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगा रही है, बल्कि एक्साइज ड्यूटी जीएसटी से पहले जैसी ही रही है।
  • यह राशि फाइनेंस कमीशन की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को बांटी जाएगी, ताकि किसी भी राज्य को संसाधन में कमी न हो।
  • सीतारमण ने यह भी बताया कि यह कदम कंपनसेशन सेस की भरपाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

बिल में प्रस्तावित दरें

  • सिगरेट: 1,000 स्टिक पर 2,700 रुपये से 11,000 रुपये तक एक्साइज ड्यूटी।
  • तंबाकू उत्पाद: विभिन्न प्रकार के तंबाकू पर प्रति किलोग्राम 60%-70%, चबाने वाले तंबाकू पर 100% की लेवी।
  • फरवरी 2026 से पान मसाला के सभी पैकेटों पर खुदरा बिक्री मूल्य (RSP) और अन्य अनिवार्य घोषणाएं डिस्प्ले करनी होंगी।

आरोपों को किया खारिज

  • कुछ सांसदों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कंपनसेशन सेस का पैसा अपने कर्ज चुकाने में इस्तेमाल कर रही है, जिसे वित्त मंत्री ने खारिज किया।
  • उन्होंने बताया कि सेस केवल राज्यों को कोविड-19 महामारी के दौरान हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए एकत्र किया गया था।

पृष्ठभूमि

  • 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पिछले दशक में भारत में सिगरेट की अफोर्डिबिलिटी स्थिर रही या बढ़ी है

इस बिल के पारित होने से राज्यों को निश्चित और नियमित राजस्व मिलेगा, जबकि तंबाकू उत्पादों की खपत को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।

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