
खंडवा। मदरसे में बरामद लाखों रुपए के नकली नोटों के मामले में चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। पुलिस ने खुलासा किया है कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड कोई अपराधी नहीं, बल्कि एक पूर्व सरकारी मेडिकल अधिकारी निकला। भोपाल में किराए के कमरे से इंटर-स्टेट फेक करेंसी नेटवर्क खड़ा करने वाले MBBS डॉक्टर प्रतीक नवलखे समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को खंडवा न्यायालय में पेश कर तीन दिन की रिमांड मंजूर की गई है।
ट्रैवल एजेंसी की आड़ में चल रहा था फर्जी नोटों का कारोबार
एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर ने बताया कि डॉक्टर नवलखे अपने साथियों गोपाल उर्फ राहुल और दिनेश गोरे के साथ भोपाल की गोकुलधाम सोसाइटी में ट्रैवल एजेंसी का बोर्ड लगाकर नकली नोट छापता था। मकान से हाई-क्वालिटी प्रिंटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज, 32 एटीएम कार्ड और 15 चेकबुक सहित बड़ी मात्रा में सामग्री जब्त की गई है। गिरोह महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में नोट खपाने का नेटवर्क बना चुका था।
मालेगांव में इमाम की गिरफ्तारी से टूटा रैकेट का नेटवर्क
मदरसे में पदस्थ इमाम जुबेर अंसारी के मालेगांव में पकड़े जाने के बाद पूरे रैकेट की कड़ियां खुलती गईं। इसी सुराग के आधार पर पैठिया के मदरसे से 19 लाख 78 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे। इसके बाद जावर पुलिस ने 23 नवंबर को भोपाल में दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मोबाइल, लैपटॉप, ATM कार्ड और नकली नोट बरामद
डॉ. नवलखे से 500 रुपए के 13 नकली नोट, सात मोबाइल, लैपटॉप, चेकबुक और डेबिट कार्ड मिले हैं। गोपाल से छह नकली नोट, ड्रायर मशीन और 20 एटीएम कार्ड, जबकि दिनेश गोरे से 17 नकली नोट बरामद किए गए। पुलिस को आशंका है कि जब्त सामग्री में बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन का खुलासा हो सकता है।
सरकारी डॉक्टर से फ्रॉडस्टर बनने तक
जांच में सामने आया कि नवलखे 2019-20 में बुरहानपुर जिला अस्पताल में RMO के पद पर तैनात था और गांधी मेडिकल कॉलेज, इंदौर से MBBS कर चुका है। सरकारी सेवा के दौरान घोटाले के मामले में जेल गया, जहां उसकी मुलाकात इमाम जुबेर से हुई। जेल से बाहर आने के बाद दोनों ने नकली नोटों का नेटवर्क खड़ा किया और बाद में अन्य साथी शामिल किए।
एक लाख के बदले देते थे पांच लाख के नकली नोट
पुलिस के अनुसार गिरोह असली नोट लेकर बदले में पांच गुना नकली नोट देता था, जिससे कई लोग उनके संपर्क में आ गए। पुलिस को आशंका है कि प्रदेश के कई जिलों में गिरोह के और ग्राहक जुड़े रहे होंगे।
और गिरफ्तारियों की संभावना
स्पेशल टीम अब बैंकिंग रिकॉर्ड और वित्तीय ट्रांजैक्शन खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि रैकेट के और लिंक सामने आ सकते हैं और आने वाले दिनों में अतिरिक्त गिरफ्तारियां संभव हैं।