
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान का पद ग्रामीण शासन में सबसे प्रभावशाली जिम्मेदारी माना जाता है। गांव के विकास कार्यों, योजनाओं के क्रियान्वयन और स्थानीय समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान के कंधों पर होती है। आगामी पंचायत चुनावों से पहले कई लोग इस पद के लिए अपनी दावेदारी तैयार कर रहे हैं, ऐसे में चुनाव लड़ने की योग्यता और मिलने वाले मानदेय को लेकर आम लोगों में जिज्ञासा बढ़ गई है।
कौन लड़ सकता है ग्राम प्रधान का चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार—
- उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
- वह उसी ग्राम पंचायत का पंजीकृत मतदाता होना अनिवार्य है।
- इस पद के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं है। यानी साक्षर व निरक्षर दोनों ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकते हैं।
- उम्मीदवार मानसिक रूप से स्वस्थ हो और किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्ध न हो, वही पात्र माना जाएगा।
- अयोग्यता की अन्य शर्तें भी वही हैं, जो सामान्य चुनावों में लागू होती हैं।
ग्राम प्रधान को कितना मिलता है मानदेय
जालौन जिले के मलकपुरा गांव के प्रधान अमित के मुताबिक—
- ग्राम प्रधान को 5,000 रुपये प्रति माह मानदेय मिलता है, इसे वेतन नहीं माना जाता।
- किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भत्ता या पेंशन नहीं दी जाती।
- हालांकि, कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है।
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 फरवरी 2026
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में बदलाव किया है।
- नई समय-सारिणी के अनुसार मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
- ड्राफ्ट सूची तैयार करने, दावे-आपत्तियों के निस्तारण और प्रतियों की समीक्षा में देरी के चलते यह संशोधन किया गया है।
ग्राम पंचायत चुनावों के नजदीक आने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। अब उम्मीदवारों और मतदाताओं की नज़रें आयोग की अगली घोषणा पर टिकी हैं।